Supreme Court on General Reservation Quota: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में एक हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि उन्होंने आरक्षण के लिए नियम संविधान के मुताबिक रखे हैं.
नई दिल्ली. अर्थिक रूप से कमोजर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. केंद्र सरकार ने आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देने का बचाव किया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरक्षण को लेकर किए गए संशोधन में संविधान की मूल संरचना या सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले का उल्लंघन नहीं किया है.
उन्होंने बताया कि आरक्षण पर पचास प्रतिशत की सीमा केवल अनुच्छेद 15 (4), 15 (5) और 16 (4) के तहत किए गए आरक्षण पर लागू होता है और अनुच्छेद 15(6) पर लागू नहीं होता है. सरकार ने कहा कि यह कदम आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आयोग की सिफारिशों के बाद उठाया गया था. इसके अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसआर सिन्हा थे. दरसअल केंद्र सरकार ने संवैधानिक (103 वां संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में हलफनामा दायर किया है.
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लागाने के लिए डाली गई याचिका पर अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामान्य वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण पर अब कोई रोक नहीं लगाई जाएगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी और अगली सुनवाई में ही पता लगेगा कि इस केस को संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका में 124वें संविधान संसोधन को चुनौती दी गई है.