नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखों को बैन करने के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमने जो पिछले आदेश दिए थे वह केवल दिल्ली के लिए नहीं थे। अदालत ने कहा कि पटाखों को बैन करने का हमारा आदेश पूरे देश के लिए था। उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने पुराने […]
नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखों को बैन करने के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमने जो पिछले आदेश दिए थे वह केवल दिल्ली के लिए नहीं थे।
अदालत ने कहा कि पटाखों को बैन करने का हमारा आदेश पूरे देश के लिए था। उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने पुराने आदेश में पटाखों पर पूर्ण रोक का मामला स्थानीय सरकार पर छोड़ा था, लेकिन अस्पताल जैसी स्वास्थ्य के लिहाज से संवेदनशील जगहों पर पटाखे न चलाने, पटाखे चलाने की समय सीमा तय करने के लिए कहा था।
कोर्ट ने कहा कि एनसीआर में आने वाले राजस्थान के इलाकों के लिए दिल्ली-एनसीआर वाले नियम लागू होंगे. यानी की पटाखों पर रोक रहेगी।
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि हर समय राजनीति नहीं हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने पर रोक लगानी होगी। अदालत ने कहा कि यह कोई राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार से कहा कि हम चाहते हैं कि यह बंद हो।
सोमवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर सुरक्षित मानकों से करीब सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया। प्रदेश सरकार ने दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता के स्तर में और अधिक गिरावट की आशंका को देखते हुए 4 साल बाद अपनी ऑड-ईवन वाहन योजना फिर से लागू करने की घोषणा की है। बता दें कि शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को 421 था, जिसमें रविवार के 454 से थोड़ा सुधार हुआ, जबकि शहर में लगातार सातवें दिन भी जहरीली धुंध छाई रही थी।