Supreme Court on Electoral Bonds: केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं

Supreme Court on Electoral Bonds: केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं लगेगी. हालांकि चुनाव आयोग से जानकारी साझा करनी होगी.

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Supreme Court on Electoral Bonds: केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं

Aanchal Pandey

  • April 12, 2019 10:51 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अभी इस पर अंतरिम आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनावी बॉन्ड को लेकर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है. इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को राहत मिली है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं है. हालांकि इसकी जानकारी चुनाव आयोग से साझा करनी होगी इस बाबत सरकार को राहत नहीं दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टी को कहा कि बॉन्ड के जरिये मिली रकम की जानकारी सील कवर में चुनाव आयोग के साथ साझा करें. सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड से 15 मई तक मिली रकम की जानकारी 30 मई तक देनी होगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय को कहा कि वो अपने नोटिफिकेशन को बदले जिसमें बॉन्ड को खरीदने के लिए अप्रैल में पांच और मई में पांच अतिरिक्त दिन दिए गए थे.

मालूम हो कि नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2017 के बजट में इलेक्टोरल यानी चुनावी बॉन्ड की घोषणा की थी. सरकार ने इसकी व्याख्या चुनाव चंदे में सुधार के तरीके के रूप में की थी. इसमें कहा गया था कि यदि लोग किसी राजनीतिक दल को डोनेशन या चंदा देना चाहते हैं तो आप इलेक्टोरल बॉन्ड का चेक या डिजिटल ट्रांजैक्शन से भुगतान कर सकते हैं.

सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड देने वालों की पहचान को सार्वजनिक नहीं करने पर जोर दिया था. साथ ही ये भी कहा था कि चुनावी चंदा पाने वाली पार्टियों को भी पता नहीं चलेगा कि किसने चंदा दिया. इसके बाद एक एनजीओ ने अपनी याचिका में इस स्कीम की वैधता को चुनौती देते हुए कहा कि इस स्कीम पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इसके तहत डोनर्स के नामों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए. वहीं, चुनाव आयोग ने कहा था कि वह इस तरह की फंडिंग के खिलाफ नहीं है, लेकिन चंदा देने वाले शख्स की पहचान अज्ञात न रहे.

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