Supreme Court SC/ST Act Dilution Verdict: एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार को राहत के संकेत, जस्टिस अरुण मिश्रा बोले- न ही प्रावधान हटाएंगे और नहीं ही संशोधन रद्द करेंगे

Supreme Court SC/ST Act Dilution Verdict, Supreme Court me SC St Act per huyi sunvayi: एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार को राहत के संकेत मिले हैं. आज सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि न ही प्रावधान हटाए जाएंगे और नहीं ही संशोधन रद्द किए जाएंगे. मार्च 2018 में अदालत द्वारा दिए गए एक फैसले में एससी/ एसटी एक्ट को कमजोर करने के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा की गई एक समीक्षा याचिका पर अदालत का आदेश आया है.

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Supreme Court SC/ST Act Dilution Verdict: एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार को राहत के संकेत, जस्टिस अरुण मिश्रा बोले- न ही प्रावधान हटाएंगे और नहीं ही संशोधन रद्द करेंगे

Aanchal Pandey

  • October 3, 2019 12:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Supreme Court SC/ST Act Dilution Verdict: आज सुप्रीम कोर्ट में एससी/एसटी कानून में संशोधन के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई. पृथ्वीराज और प्रिया शर्मा ने नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने साफ कह दिया कि हम प्रोविजन को नही हटाने वाले और न ही संशोधन को रद्द करने वाले हैं. उन्होंने कहा, हम बस कुछ पहुलओं पर फैसला देंगे. उन्होंने कहा कि, ललिता कुमार के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्कुल साफ है. सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित रखा गया है. ये केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिलने के संकेत हैं. कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान साफ किया कि एससी/एसटी में जो बदलाव किए है उसको नही बदलेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जो केंद्र सरकार ने एससी/एसटी एक्ट में बदलाव किए है उसको हम नही बदलेंगे.

संसद से पारित एससी/एसटी संशोधन कानून पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत के संकेत हैं. तीन जजों की पीठ के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने साफ कह दिया कि हम कानून के प्रावधानों को नही हटाने वाले. बदलाव भी करने की ज़रूरत नहीं. न ही संशोधन को रद्द करने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो यह भी स्पष्ट करेगा कि पुलिस अत्याचार अधिनियम के तहत शिकायत पर कोई कार्रवाई करने से पहले प्राथमिक जांच कर सकती है या नहीं. प्रथम दृष्टया ये पता चले कि शिकायत झूठी या नहीं. अग्रिम जमानत के मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर पहले से ही संविधान पीठ का फैसला है कि कोर्ट को लगे कि शिकायत झूठी है तो अग्रिम जमानत दी जा सकती है.

मालूम हो कि एससी-एसटी ऐक्ट के कुछ प्रावधानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते साल संशोधन को लेकर देशभर में काफी हंगामा हुआ था. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया था. इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार की काफी आलोचना हुई थी, जिसके बाद मोदी सरकार ने इस मामले को लेकर अध्यादेश जारी किया था और उसके बाद स्थिति सामान्य हुई थी. सरकार ने एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन भी डाला था.

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