Supreme Court on Bihar Shelter Home Case: बिहार शेल्टर होम कांड मामले की जांच सीबीआई कर रही है. अन्य शेल्टर होम्स में सीबीआई ने बाल यौन शोषण होने का आरोप लगाया है. लेकिन चार्जशीट में बलात्कार और हत्या की धाराओं को शामिल नहीं किया है. इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
नई दिल्ली. बिहार के दिल दहला देने वाले मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड पर नीतीश कुमार सरकार को फटकार लगाने के बाद अब सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट के रडार पर है. बिहार के अन्य शेल्टर होम पर दाखिल सीबीआई के आरोपपत्र को सुप्रीम कोर्ट बारीकी से परखेगा.
दरअसल इस मामले में याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि बिहार के अन्य शेल्टर होम्स में सीबीआई ने बाल यौन शोषण होने का आरोप लगाया है. लेकिन चार्जशीट में बलात्कार और हत्या की धाराओं को शामिल नहीं किया है. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआई ने चार्जशीट में मामूली धाराओं को शामिल किया है.
कोर्ट इस मामले की सुनवाई 2 हफ्ते बाद करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले बिहार की नीतीश कुमार सरकार को फटकार लगाते हुए मामला दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. 7 फरवरी को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साकेत जिला कोर्ट से इस मामले की रोजाना सुनवाई कर मामले का निपटारा 6 महीने में करने का आदेश दिया था.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि इस मामले में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन यह मामले में अंत नहीं है. कोर्ट को यह भी बताया गया कि दिसंबर 2018 में चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस मामले में 21 गवाहों के बयान लिए गए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में बिहार के शेल्टर होम में रहने वालों की संख्या और कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी थी. जब बिहार सरकार के वकील की ओर से जवाब नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे शख्स को बुलाने को कहा जो इस मामले की जानकारी रखता हो.
क्या है मामला: पिछले साल मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के साथ रेप का मामला सामने आया था. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शेल्टर होम में 44 में से 32 लड़कियों से बलात्कार किया गया. इसके बाद शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को मामला दर्ज किया गया.