कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ महाभियोग ला रहे हैं. इसका प्रस्ताव उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंप दिया गया है. अब सबकी नजरें उप राष्ट्रपति पर टिकी हैं. केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर कांग्रेस पर हमलावर है. कानूनमंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव को न्यायपालिका को डराने की कोशिश बताया है.
नई दिल्ली. राज्यसभा सूत्रों के अनुसार राज्यसभा सचिवालय चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के विरुद्ध कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव की स्टडी कर रही है. वहीं चीफ जस्टिस के खिलाफ कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकील उप राष्ट्रपति से मिलेंगे. ये वकील सीजेआई के खिलाफ कांग्रेस के महाभियोग को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार ये वकील थोडी देर में उप राष्ट्रपति से मिलकर महाभियोग के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे.
बता दें कि कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव सौंपा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंपा है. शुक्रवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी. विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मीटिंग के बाद उपराष्ट्रपति को प्रस्ताव सौंपा. अब इस मामले में सभी नजरें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पर टिकी हैं. वेंकैया नायडू इस प्रस्ताव को रद्द भी कर सकते हैं और आगे बढ़ाने की मंजूरी भी दे सकते हैं.
इस मामले पर उप राष्ट्रपति कानूनी राय भी ले सकते हैं. अगर वे राय लेते हैं तो इस पर फैसला लेने में कुछ समय लग जाएगा. फिलहाल इस मामले पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. पूर्व सीजेआई टीएस ठाकुर ने महाभियोग प्रस्ताव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि मैं इस मामले को एक आम नागरिक के तौर पर देख रहा हूं जिसमें यह दुर्भाग्यपूर्ण नजर आता है.
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