Supreme Court Hearing on Nageshwara Rao: नागेश्वर राव को अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर बनाए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर शीर्ष अदालत अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. याचिका में नियमानुसार सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति की गुहार भी लगाई गई है.
नई दिल्ली. एम नागेश्वर राव को अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते करेगा. सीबीआई डायरेक्टर पद से आलोक वर्मा की छुट्टी किए जाने के बाद राव को अंतरिम प्रभार सौंपा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली कमिटी ने वर्मा को पद से हटाकर उन्हें फायर सेफ्टी विभाग का डीजी नियुक्त किया गया था. लेकिन इसके अगले दिन वर्मा ने पद से इस्तीफा दे दिया.
प्रभार संभालते ही नागेश्वर राव ने वर्मा के सभी फैसलों को पलट दिया था. सोमवार को एक एनजीओ ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राव को अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर बनाए जाने के फैसले को रद्द करने की याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया कि ऐसा करना दिल्ली पुलिस स्पेशल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (डीपीएसई) का उल्लंघन है. एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह सरकार को निर्देश दे ताकि नियमों के मुताबिक सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति हो सके.
उड़ीसा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद 23 अक्टूबर को अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर बनाया गया था. इसके बाद वर्मा ने सरकार द्वारा जबरन छुट्टी पर भेजे जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार का फैसला रद्द करते हुए वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद पर बहाल कर दिया. लेकिन एक हफ्ते में पीएम की अगुआई वाली कमिटी के आगे मामला रखने को कहा था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि कमिटी का फैसला आने तक वर्मा कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे. इसके बाद पीएम मोदी, जस्टिस एके सीकरी और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वाली कमिटी ने 2-1 के मत से वर्मा को पद से हटा दिया और राव को अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर का प्रभार सौंप दिया गया.