गांधी परिवार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानें क्या है मामला?

नई दिल्ली। Income Tax Assessment Case: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की इनकम टैक्स असेसमेंट से जुड़ी अपील पर आज मंगलवार (07 नवंबर) को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई है। इन्होंने अपने 2018-19 के आयकर असेसमेंट को इनकम टैक्स के केंद्रीय सर्किल में स्थानांतरित करने को चुनौती दी है। क्या कहा था […]

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गांधी परिवार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानें क्या है मामला?

Arpit Shukla

  • November 7, 2023 8:05 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। Income Tax Assessment Case: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की इनकम टैक्स असेसमेंट से जुड़ी अपील पर आज मंगलवार (07 नवंबर) को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई है। इन्होंने अपने 2018-19 के आयकर असेसमेंट को इनकम टैक्स के केंद्रीय सर्किल में स्थानांतरित करने को चुनौती दी है।

क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?

इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा था कि इस मामले को ट्रांसफर करना इनकम टैक्स के अधिकार क्षेत्र में है। कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ कानूनी प्रावधानों को देखेंगे। अदालत ने कहा था कि अगर क्रॉस ट्रांजेक्शन हुए हैं तो केंद्रीय सर्किल की जांच की जरूरत हो सकती है। हम इस मामले को राजनीतिक नहीं कानूनी तौर पर देेखेंगे। बता दें कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी समेत आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आयकर अधिकारियों के टैक्स असेसमेंट को सेंट्रल सर्किट में ट्रांसफर करने के निर्णय को चुनौती दी है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला 2018-19 का असेसमेंट आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। कई मामलों में वांटेड आरोपी संजय भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा का करीबी बताया जाता है। बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा ने आरोपी संजय भंडारी से किसी भी तरह के संबध होने से इनकार कर दिया है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नियमों के हिसाब से ही फैसला लिया है।

इसी तरह आम आदमी पार्टी की भी याचिका

इसी तरह की याचिका ‘आप’ ने भी दाखिल की है। अदालत ने उस पर अलग से सुनवाई करने की बात कही है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने आप की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से सवाल करते हुए कहा था कि याचिका दायर करने में इतनी देरी क्यों हुई? ऐसे केस में एक दिन की भी देरी घातक हो सकती है।

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