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ज्ञानवापी विवाद पर सोमवार को सुप्रीम सुनवाई, हिंदू पक्ष ने की बड़ी मांग

नई दिल्ली। ज्ञानवापी विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि वजूखाने की सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। दायर याचिका में हिंदी पक्ष की ओर से वजूखाने में सील एरिया के एएसआई सर्वे की मांग की गई है। साथ ही 10 तहखानों की एएसआई से सर्वे […]

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Supreme court
  • February 3, 2024 9:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। ज्ञानवापी विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि वजूखाने की सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। दायर याचिका में हिंदी पक्ष की ओर से वजूखाने में सील एरिया के एएसआई सर्वे की मांग की गई है। साथ ही 10 तहखानों की एएसआई से सर्वे की मांग पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। बता दें कि जिन खंभों का एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है वो पुराने है और इनपर प्लास्टर किया गया है। उनके भी सर्वे की मांग पर अदालत सुनवाई करेगा।

पूजा-पाठ पर रोक लगाने से हाई कोर्ट का इनकार

ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया. उच्च न्यायालय ने एडवोकेट जनरल को कानून व्यवस्था दुरूस्त रखने का आदेश भी दिया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी. मालूम हो कि इससे पहले, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा-पाठ को रोकने से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को पहले हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था.

सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे वकील

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी की कानूनी टीम वकील फुजैल अय्यूबी, निज़ाम पाशा और आकांशा शामिल थे। उन्होंने गुरुवार सुबह करीब 3 बजे सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से संपर्क किया। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए कहा। मुस्लिम पक्ष ने सुबह तीन बजे रजिस्ट्रार से करीब एक घंटे तक इस मामले पर बातचीत की। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के सामने गुरुवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने दस्तावेज रखे. कागजातों को देखने के बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष को किसी भी तरह की कोई राहत देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस मामले में सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है.

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