गुरुवार, 18 जुलाई 2024 का दिन सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया। इस दिन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
Supreme Court 2 New Judge: गुरुवार, 18 जुलाई 2024 का दिन सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया। इस दिन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नोंगमईकापम कोटिस्वर सिंह और मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर. महादेवन ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दोनों न्यायाधीशों को शपथ दिलाई। । इनकी नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो गई है, जो न्यायालय की कार्यक्षमता और न्याय वितरण में नई ऊर्जा और विविधता लेकर आएगी।
#WATCH | Acting Chief of Madras High Court, R Mahadevan takes oath as a Supreme Court judge. Chief Justice of India DY Chandrachud administers the oath.
(Video: Supreme Court of India/YouTube) pic.twitter.com/YAznJQkH47
— ANI (@ANI) July 18, 2024
#WATCH | Delhi: Chief Justice of Jammu and Kashmir and Ladakh High Court, Nongmeikapam Kotiswar Singh takes oath as a Supreme Court judge. Chief Justice of India DY Chandrachud administers the oath.
(Video: Supreme Court of India/YouTube) pic.twitter.com/oWERon3rHI
— ANI (@ANI) July 18, 2024
न्यायमूर्ति कोटिस्वर सिंह और आर. महादेवन की पदोन्नति को 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के कुछ दिनों बाद ही मंजूरी मिल गई थी। इनके शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई है।
न्यायमूर्ति महादेवन तमिलनाडु के एक पिछड़े समुदाय से हैं और उनका कानूनी करियर मद्रास उच्च न्यायालय में रहा है। वे मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। फरवरी 2023 में, उन्होंने आरएसएस के प्रस्तावित राज्यव्यापी मार्च पर शर्तें लगाने वाले आदेश को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह मणिपुर से हैं और वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाले मणिपुर के पहले व्यक्ति हैं। उनका कानूनी करियर गुवाहटी उच्च न्यायालय और मणिपुर उच्च न्यायालय में रहा है। उन्होंने 2011 में गुवाहटी हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी और 2013 में मणिपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे।
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