आधार कार्ड से बैंक खातों व मोबाइल नंबर से लिंक करने के लिए भी अब डेडलाइन 31 मार्च होगी. लेकिन नए बैंक खातों के लिए देना होगा और आधार ना हो तो एनरोलमेंट देना होगा.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न योजनाओं में आधार को अनिवार्य करने के मामले पर फैसला सुनाते हुए आधार की अनिवार्यता की डेडलाइन 31 मार्च 2018 तक बढा दी है. कोर्ट ने सभी योजनाओं के लिए डेडलाइन बढाई है. आधार कार्ड से बैंक खातों व मोबाइल नंबर से लिंक करने के लिए भी अब डेडलाइन 31 मार्च होगी. लेकिन नए बैंक खातों के लिए देना होगा और आधार ना हो तो एनरोलमेंट देना होगा. पांच जजों के संविधान पीठ ने ये फैसला दिया, वहीं आधार की वैधता पर सुनवाई 17 जनवरी से होगी.
सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने आधार को विभिन्न सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं से अनिवार्य रूप से जोड़ने के केंद्र के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया है. गुरुवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण के संविधान पीठ ने AG के के वेणुगोपाल और याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान AG ने कोर्ट को बताया कि बैंक खातों समेत सभी योजनाओं के लिए सरकार ने डेडलाइन को 31 मार्च करने का फैसला लिया है. लेकिन नए बैंक खाते के लिए आधार जरूरी है. मोबाइल नंबर से आधार लिंक करने की डेडलाइन कोर्ट के आदेश से ही 6 फरवरी, 2018 है जिसे कोर्ट आदेश जारी कर बढा सकता है. वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश श्याम दीवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा और ये पीडीएस, एलपीजी, मनरेगा, पेंशन आदि 6 योजनाओं में लागू किया जाएगा. लेकिन सरकार ने कोर्ट के आदेश के बावजूद 139 योजनाओं में इसे अनिवार्य कर दिया.
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा के लिए, दिल्ली में नर्सरी दाखिले के लिए, मिड डे मील के लिए, यूजीसी की स्कॉलरशिप के लिए, मजदूरों के पुनर्वास के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है. यहां तक कि HIV पीडित से इलाज के लिए आधार मांगा जा रहा है. अगर सरकार कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करेगी तो ये दुख की बात है.
कल्याणकारी योजनाओं से आधार लिंकिंग की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आज