लखनऊ। रामपुर जेल में बंद विधायक आजम खान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्दारा जमानत को लेकर फैसला सुरक्षित रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. 2 मई के बाद शुक्रवार को आजम खान की जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. शीर्ष अदालत आजम खान मामले पर 11 तारीख […]
लखनऊ। रामपुर जेल में बंद विधायक आजम खान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्दारा जमानत को लेकर फैसला सुरक्षित रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. 2 मई के बाद शुक्रवार को आजम खान की जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. शीर्ष अदालत आजम खान मामले पर 11 तारीख को सुनवाई करेगी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने खुद याचिका को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट पर कड़ी टिप्पणी की है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक आजम खान की जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त हो गया है. आजम खान की जमानत पर 137 दिन तक कोई फैसला नहीं देने की इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट आजम खान की जमानत पर कोई फैसला नहीं लेता है तो हम हस्तक्षेप करेंगे.11 मई को सुप्रीम कोर्ट में आजम खान की जमानत पर सुनवाई होगी. आजम खान मामले पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की जमानत याचिका को 137 दिनों में फैसला नहीं देने पर न्याय का मजाक करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमीन हड़पने के एक मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह न्याय का मजाक है.जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई ने कहा कि आजम खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिली है. शीर्ष अदालत आजम खान के मामले में 11 मई को सुनवाई करेगी.
कोर्ट ने कहा कि आजम खान एक को छोड़कर सभी मामलों में जमानत पर बाहर हैं. आजम खान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके मुवक्किल की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट के लिए दुश्मन की संपत्ति हड़पने के मामले में आजम खान की जमानत अर्जी पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. हाईकोर्ट ने पिछले साल 4 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने बाद में एक आवेदन दिया और नए हलफनामे के माध्यम से कुछ नए तथ्य पेश करने की अनुमति मांगी, जो गुरुवार को दायर किए गए थे. जिसमें यह आरोप लगाया गया कि इमामुद्दीन कुरैशी भारत के विभाजन के दौरान पाकिस्तान गए थे और उनकी जमीन को दुश्मन की संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया था, लेकिन आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 13.842 हेक्टेयर का एक भूखंड हड़प लिया. सीतापुर आजम खान के खिलाफ रामपुर में जमीन हड़पने समेत कई अन्य मामलों में जेल में बंद है.
बता दें कि रामपुर में अवैध निर्माण, जमीन हथियाने, सरकारी जमीन पर कब्जा, किताब चोरी और अतिक्रमण जैसे 87 मामलों में से 86 मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है. आजम खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद हैं