Supreme Court DoT Telecom Companies 92 Thousand Crore Rupees: सुप्रीम कोर्ट से एजीआर पर सरकार को राहत, टेलीकॉम कंपनियों को 92 हजार करोड़ का झटका, दूरंसचार विभाग को एयरटेल 21 हजार करोड़, वोडाफोन आयडिया 10 हजार करोड़ देगी

Supreme Court DoT Telecom Companies 92 Thousand Crore Rupees: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) के मुद्दे पर सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें सेक्टर के लिए गंभीर निहितार्थ के साथ, टेलीकॉम के शेयरों को तेजी से नीचे धकेल दिया. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने एए नाज़ेर और एम आर शाह ने फैसला दिया. सरकार और दूरसंचार क्षेत्र एजीआर की परिभाषा पर लड़ाई में थे. सुप्रीम कोर्ट से एजीआर पर सरकार को राहत दी. टेलीकॉम कंपनियों को 92 हजार करोड़ का झटका लगा है. दूरंसचार विभाग को एयरटेल 21 हजार करोड़ रुपये और वोडाफोन-आयडिया 10 हजार करोड़ रुपये देगी.

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Supreme Court DoT Telecom Companies 92 Thousand Crore Rupees: सुप्रीम कोर्ट से एजीआर पर सरकार को राहत, टेलीकॉम कंपनियों को 92 हजार करोड़ का झटका, दूरंसचार विभाग को एयरटेल 21 हजार करोड़, वोडाफोन आयडिया 10 हजार करोड़ देगी

Aanchal Pandey

  • October 24, 2019 2:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. एडजस्टेड ग्रॉस रेवन्यू, एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) मामले में आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 1 बजे अपना फैसला सुनाया. टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ा झटका लगा है. टेलीकॉम कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 92 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये का बकाया देना होता. दूरसंचार विभाग की याचिका मंजूर हो गई है. केंद्र को भी 92 हजार करोड़ मिलेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बकाया कितने समय में दिया जाएगा वो कोर्ट तय करेगा.

दूरसंचार विभाग के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों का लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फीस का बकाया क़रीब 92,000 करोड़ रुपये है. अगर सुप्रीम कोर्ट दूरसंचार विभाग के पक्ष में फैसला देता है तो टेलीकॉम कंपनियों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के लिए बड़ा झटका है. सुप्रीमकोर्ट के रूप में एजीआर की दूरसंचार विभाग की परिभाषा को स्वीकार किया. आरकॉम सहित टेल्कोर्स को अब हजारों करोड़ का भुगतान करना है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि टेलीकॉस्ट को सभी दंड और हितों का भुगतान करना होगा.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि टेलिस्कोप को हर चीज को खोलना होगा. दूरसंचार विभाग की कुल मांग लगभग 92,000 करोड़ रुपये है. एयरटेल 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर सकता है और वोडाफोन 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक. सुप्रीम कोर्ट टेल्को के लिए भुगतान करने के लिए समय सीमा तय करने पर एक अलग आदेश पारित करेगा. टेल्कोस ने 6 महीने का समय मांगा, एसजी तुषार मेहता ने पीठ से एक समय तय करने का अनुरोध किया ताकि इस मुकदमे पर आगे कोई मुकदमा न चल सके. न्यायमूर्ति मिश्रा ने स्पष्ट किया कि कोई और स्थगन नहीं किया जाएगा.

टेलिकॉम कंपनी का बकाया

भारती एयरटेल का 21 हजार करोड़ रुपये का बकाया
वोडाफोन-आईडिया का 8485 करोड़ रुपये का बकाया
रिलायंस कम्युनिकेशन का 16000 करोड़ रुपये का बकाया
बीएसएनएल का 2 हजार करोड़ रुपये का बकाया
एमटीएनएल का 2500 करोड़ रुपये का बकाया
एयरसेल का 7800 करोड़ रुपये का बकाया
लूप टेलिकॉम का 232 करोड़ रुपये का बकाया
क्वाड्रेंट टेलिवेंचर्स का 116 करोड़ रुपये का बकाया
रिलायंस जियो का 13 करोड़ रुपये का बकाया
एसटेल का 43 करोड़ रुपये का बकाया
सिस्टेमा श्याम 301 करोड़ रुपये का बकाया
टाटा ग्रुप 9987 करोड़ रुपये का बकाया
टेलिनोर का 1950 करोड़ रुपये का बकाया
विडियोकॉन का 1032 करोड़ रुपये का बकाया
वो़डाफोन का 19823 करोड़ रुपये का बकाया

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यहां देखें दूरसंचार विभाग ने कितना मांगा

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What is AGR, Department of Telecommunication DoT Definition of AGM क्या होता है एजीआर, टेलिकॉम विभाग की एजीआर परिभाषा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एजीआर यानी समायोजित सकल राजस्व में लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग के अलावा अन्य आय भी शामिल है. इनमें कैपिटल एसेस्ट की बिक्री पर लाभ और बीमा क्लेम एजीआर का हिस्सा नहीं होंगे. टेलीकॉम कंपनियों ने इसके लिए 6 महीने मांगे थे. बता दें कि टेलीकॉम कंपनियां सरकार के साथ लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज शेयरिंग पर करती है. अब एजीआर में क्या-क्या शामिल होगा इसकी परिभाषा को लेकर विवाद चल रहा है. टीडीएसएटी के आदेश के मुताबिक किराया, संपत्ति की बिक्री पर मुनाफा, ट्रेजरी इनकम, डिविडेंड एजीआर में शामिल होगी जबकि डूबे हुए कर्ज, करंसी में फ्लकचुएशन, कैपिटल रिसिप्ट डिस्ट्रीब्यूशन मार्जन एजीआर में शामिल नहीं होगा.

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