जस्टिस लोया केस: नहीं होगी एसआईटी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने जज बीएच लोया मौत के मामले में एसआईटी द्वारा जांच करवाने की मांग को खारिज कर दिया है. बता दें जज बीएच लोया की साल 2014 में मौत हो गई थी. वह उस दौरान राजनीतिक रुप से बेहद संवेदनशील सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे.

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जस्टिस लोया केस: नहीं होगी एसआईटी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई याचिका

Aanchal Pandey

  • April 19, 2018 10:57 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत के मामले में निष्पक्ष जांच कराने वाली यचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जांच करवाने वाली मांगों को खारिज कर दिया है. अब इस मामले में जज लोया की मौत पर एसआईटी की जांच नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने ये फैसला सुनाया. इससे पहले 16 मार्च को शीर्ष न्यायलय ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. बता दें जज लोया की मौत स्वाभाविक थी या नहीं, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई थीं जिसकी जांच एसआईटी से कराए जाने की मांग थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच नहीं होगी क्योंकि केस में कोई आधार नहीं है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खानविलकर ने की. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ये याचिकाएं राजनीतिक हित साधने और चर्चा बटोरने जैसी प्रतीत हो रही हैं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार जजों के बयान पर संदेह का कोई कारण नहीं है. अगर जांच के आदेश दिए जाते हैं तो इसका अर्थ है कि हम न्याय व्यवस्था पर उंगली उठा रहे हैं.

बता दें जज बीएच लोया की साल 2014 में मौत हो गई थी. वह उस दौरान राजनीतिक रुप से बेहद संवेदनशील सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. उनकी मौत पर उनकी बहन सहित उनके परिवार ने कई सवाल खड़े किए, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. कांग्रेसी नेता तहसीन पुनावाला, पत्रकार बीएस लोने, बांबे लॉयर्स एसोसिएशन सहित अन्य द्वारा विशेष जज बीएच लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की.

जानिए पूरा मामला (जज लोया मौत केस)

गौरतलब है कि सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को 2005 में गुजरात पुलिस ने हैदराबाद से अगवा किया गया था. जिसके बाद आरोप है कि पति-पत्नी को फर्जी मुठभेड़ में मार डाला गया था. ये मामला और गंभीर तब हो गया जब सोहराबुद्दीन शेख के साथी व सोहराबुद्दीन मुठभेड़ में गवाह माने जा रहे तुलसीराम प्रजापति को भी 2006 में गुजरात पुलिस द्वारा मारे जाने का मामला सामने आया. इस पूरे मामले की सुनवाई (सोहराबुद्दीन एनकाउंटर) विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश बी एच लोया कर रहे थे. जिनकी अचानक मौत हो जाती है और जज लोया के परिवार वाले उनकी मौत पर सवाल खड़े करते हैं.

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