Supreme Court: एलएलबी को तीन साल तक सीमित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

नई दिल्लीः बारहवीं के बाद सीधे तीन साल का एलएलबी कोर्स कराए जाने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में स्नातक और एलएलबी के पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स को अतार्किक बताया गया है। याचिकाकर्ता का मानना है कि जैसे बारहवीं के बाद बेचलर आफ […]

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Supreme Court: एलएलबी को तीन साल तक सीमित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

Sachin Kumar

  • April 22, 2024 7:53 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्लीः बारहवीं के बाद सीधे तीन साल का एलएलबी कोर्स कराए जाने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में स्नातक और एलएलबी के पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स को अतार्किक बताया गया है। याचिकाकर्ता का मानना है कि जैसे बारहवीं के बाद बेचलर आफ साइंस (बीएससी), बेचलर आफ आ‌र्ट्स (बीए) आदि स्नातक डिग्रियां होती हैं वैसे ही एलएलबी कोर्स होना चाहिए।

यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार यानी 22 अप्रैल को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी। याचिका में उपाध्याय ने मांग की है कि केंद्र सरकार और बार काउंसिल आफ इंडिया को निर्दश दिया जाए कि वे बारहवीं के बाद बारहवी के बाद तीन साल का एलएलबी कोर्स कराए की संभावनाएं तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करें।

 

दूसरी मांग है कि केंद्र सरकार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और नेशनल ला यूनीवर्सिटी संघ को आदेश दिया जाए कि वे कानून के क्षेत्र में बेस्ट टैलेंट को आकर्षित करने और त्वरित न्याय का अधिकार व निष्पक्ष ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार करें।

कोर्स तीन साल का करने से कम होगी फीस

याचिकाकर्ता का कहना है कि लंबा और बहुत ज्यादा कोर्स छात्रों को कानून की पढ़ाई के प्रति हतोत्साहित करता है। मेधावी और बहुत गरीब बच्चे इसके बजाए इंजीनियरिंग, सिविल सर्विसेज या कोई और कोर्स को चुनते हैं। कहा गया है कि बीए-एलएलबी और बीबीए-एलएलबी दोनों स्नातक कोर्स हैं और ऐसे में छात्र के करियर में दोनों की जरूरत नहीं है। पांच साल की तुलना में तीन साल के कोर्स की फीस कम होगी। किसी छात्र ने 12वीं में अगर विज्ञान विषय लिए हैं तो इस कोर्स के लिए आवश्यक रूप से आर्ट या कामर्स पढ़ने का उस पर बोझ डालना प्रताड़ना जैसा है।

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