Supreme Court Child Rape Cases Suo Moto PIL: सुप्रीम कोर्ट ने मासूमों से रेप की बढ़ती घटनाओं पर नाराजगी जताई है और स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में जनहित याचिका रजिस्टर की है. सुप्रीम कोर्ट बच्चों से रेप की बढ़ती घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए आज सुनवाई करेगी. इससे पहले सुप्रीम रजिस्ट्री से पूरे देश में पहली जनवरी से अब तक ऐसे मामलों में दर्ज एफआईआर और की गई कानूनी कार्रवाई के आंकड़े तैयार करने को कहा था. एक जनवरी से 30 जून तक देशभर में बच्चों से रेप के 24,000 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इस लिस्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ का बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश 3,457 मुकदमों के साथ सबसे ऊपर, सीएम कमलनाथ का कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर और 9 मुकदमों के साथ नगालैंड सबसे नीचे है.
नई दिल्ली. बलात्कार की बढ़ रहीं घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती जताई है. देशभर में बच्चों के साथ रेप की लगातार बढ़ रही संख्या पर ठोस कार्रवाई के लिए कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पीआईएल रजिस्टर की है और इस मामले में आज 12 जुलाई को सुनवाई की घोषणा की है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मीडिया में आ रही आए दिन बच्चों से बलात्कार की घटनाओं से आहत होकर सुप्रीम रजिस्ट्री से पूरे देश में पहली जनवरी से अब तक ऐसे मामलों में दर्ज एफआईआर और की गई कानूनी कार्रवाई के आंकड़े तैयार करने को कहा था. इसके बाद रजिस्ट्री ने देश के सभी हाई कोर्ट से आंकड़े मंगाए.
आपको जानकर हैरानी होगी कि आंकड़ों के मुताबिक पहली जनवरी से 30 जून तक देशभर में बच्चों से रेप के 24,000 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. दिल दहलाने वाली इस लिस्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश 3,457 मुकदमों के साथ सबसे ऊपर है, वहीं कांग्रेस शासित और सीएम कमलनाथ का मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है. नगालैंड से सबसे कम 9 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. हालांकि, ये आंकड़े को सरकारी है, पर हकीकत ये है कि बच्चों से बलात्कार के ज्यादातर मामले तो पुलिस तक पहुंच ही नहीं पाते और लोग प्रतिष्ठा का हवाला देकर मुकदमा दर्ज कराने से कतराते हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत से सबसे बड़े राज्य यूपी में मासूमों के साथ निर्दयता में दोषियों के साथ ही यहां की पुलिस का निकम्मापन भी जिम्मेवार है. बच्चों से रेप के संवेदनशील मुकदमों में भी पुलिस की लापरवाही इस कदर है कि 50 फीसदी से ज्यादा यानी 1,779 मुकदमों की जांच ही पूरी नहीं हो पाई है, दरिंदगी के अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना तो बहुत दूर की बात है. बच्चों से रेप की राज्यवार लिस्ट में मध्य प्रदेश 2,389 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है, लेकिन एमपी की पुलिस 1,841 मामलों में जांच पूरी कर चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. मध्य प्रदेश की निचली अदालतों ने 247 मामलों में तो ट्रायल भी पूरा कर लिया है.