नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने हाल ही में चुनाव आयोग में रिक्त पड़े दो पदों को भर दिया है। बता दें कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दो स्थान खाली हो गए थे। जिसके बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में चयन समिति की बैठक में दो नाम तय कर दिए गए थे। ये दो नाम ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधु का था। जिसे राष्ट्रपति मुर्मू ने हरी झंडी दे दी थीं। जिसके बाद दोनों अधिकारियों ने अपना-अपना पदभार संभाल लिया था।
वहीं नियुक्ति से पहले ही चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश को न शामिल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिस पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि ये दलील गलत है
कि आयोग तभी स्वतंत्र होगा, जब चयन समिति में जज हों। केंद्र ने कहा कि आयुक्तों की योग्यता पर सवाल नहीं है बल्कि इस याचिका का मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद खड़ा करना है।
हलफनामे में आगे कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम, 2023 चुनाव आयोग की उच्च संवैधानिक संस्था की रक्षा करता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में निर्धारित सिद्धांतों का पालन करते हुए निर्वाचन आयोग के कामकाज के लिए और भी अधिक लोकतांत्रिक और सहभागी वैधानिक तंत्र का निर्माण करता है। चुनाव आयुक्तों के चयन में मुख्य न्यायाधीश को शामिल न करने के चलते नियुक्ति रद्द करने की मांग का केंद्र सरकार ने विरोध किया है।
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