Supreme court Ayodhya Ram Mandir: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला की अगुआई में एक पैनल गठित किया है, जिसमें श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू भी शामिल हैं. यह पैनल एक हफ्ते में काम शुरू करेगा और 8 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा.
नई दिल्ली. अयोध्या राम मंदिर मामले को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए भेज दिया है. रिटायर्ड जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला की अगुआई वाला पैनल, जिसमें श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं, इस मामले पर मध्यस्थता का काम एक हफ्ते में शुरू करेगा. पैनल को 8 हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपनी होगी. कोर्ट के इस फैसले के बाद जस्टिस कलीफुल्ला ने चुप्पी तोड़ी है.
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मेरी अध्यक्षता में एक मध्यस्थता समिति नियुक्त की है. मुझे अभी तक आदेश की कॉपी नहीं मिली है. अगर समिति गठित की गई है तो हम इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. वहीं मामले पर फैसला आने के बाद श्री श्री रविशंकर ने ट्वीट कर लिखा, सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना – इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है.
Justice(Retd)FM Ibrahim Kalifullah on Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case: I understand SC has appointed a mediation committee headed by me. I'm yet to received order copy.I can say if committee has been constituted we'll take every effort to resolve the issue amicably pic.twitter.com/AgSfBzfuGU
— ANI (@ANI) March 8, 2019
सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना – इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है।#AyodhyaVerdict
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@Gurudev) March 8, 2019
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई,जस्टिस एए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर ने मध्यस्थता का आदेश देते हुए प्रिंट और विजुअल मीडिया दोनों को मध्यस्थता की कार्यवाही की रिपोर्टिग करने से वर्जित कर दिया. शीर्ष अदालत ने मध्यस्थता में भाग ले रहे लोगों के मीडिया से बात करने पर भी रोक लगा दी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद में होगी और अगले हफ्ते में इसे शुरू किया जाए. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आदेश में कहा कि यूपी सरकार मध्यस्थों को फैजाबाद में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराए. अगर मध्यस्थ चाहें तो अन्य लोगों को भी पैनल में शामिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो मध्यस्थ कानूनी सलाह भी ले सकते हैं.