उत्तर प्रदेश नें पिछले कुछ महीनों में हुए फर्जी एनकाउंटर के मामले सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गए हैं. एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यूपी की योगी सरकार से 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहे फेक एनकाउंटरों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने योगी सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी की योगी सरकार से दो हफ्ते में जवाब देनो को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) की ओर से दाखिल जनहित याचिका में राज्य में योगी सरकार बनने के बाद से 1 हजार से ज्यादा एनकाउंटर में जांच की मांग की गई है. जनहित याचिका में कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों में यूपी पुलिस ने ऑपरेशन ऑल आउट के तहत कई फर्जी एनकाउंटर को अंजाम दिया गया है. जिनकी जांच होनी चाहिए.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी की याचिका पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई की. पीयूसीएल की ओर से वकील संजय पारिख ने यूपी की योगी सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले दिनों में उत्तर प्रदेश में 500 मुठभेड़ हुई है जिनमें कुल 58 लोग मारे गये. इस मामले में पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मुद्दे पर पहले राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था.
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी का सीएम बनने के बाद से सूबे में अपराधियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन ऑल आउट चलाया जा रहा है. जिसमें कई ईनामी बदमाशों का एनकाउंटर हुआ है लेकिन कुछ एनकाउंटरों में यूपी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
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