लोकपाल के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार सवाल किया कि वह लोकपाल की नियुक्ति कब तक करेगी. शीर्ष अदालत का कहना है कि वह इस मामले पर अपना फैसला तभी सुनाएगी जब केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखेगी.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि लोकपाल की नियुक्ति कब होगी. शीर्ष अदालत ने दस दिनों के अंदर लोकपाल की नियुक्ति के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समय सीमा बताने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस मामले पर कोई भी आदेश सुनाने से पहले वह चाहता है कि केंद्र सरकार अपना पक्ष रखे.
सुनवाई के दौरान एजी वेणुगोपाल ने कहा कि लोकपाल कमेटी की बैठक जल्द ही होने वाली है. लोकपाल नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर अब 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट का इस मामले पर कहना है कि वह सरकार का पक्ष सुनेगा इसके बाद ही अपना फैसला सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने दस दिनों के भीतर लोकपाल की नियुक्ति के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समय सीमा बताने को कहा है.
आपको बता दें कि समाज सेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल के लिए 5 अप्रैल 2011 में को अपने साथियों के साथ जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू किया था. अनशन के साथ शुरू हुए इस आंदोलन में अब के दिल्ली सीएम और तत्कालीन आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, जाने-माने वकील प्रशांत भूषण जैसे लोग शामिल थे. देखते ही देखते यह आंदोलन पूरे भारत में फैल गया था और लोग इसके समर्थन में उतरने लगे थे.
आंदोलन में भारत सरकार को लोकपाल बिल का एक मसौदा तैयार भी सौंपा गया. तब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी. तत्कालीन सरकार ने इस मसौदे को लेकर आनाकानी की औऱ इसकी उपेक्षा की थी जिसका खामियाजा उन्हें साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भुगतने को मिला. हालांकि आनन-फानन में एक समिति बनाकर 16 अगस्त तकर संसद में लोकपाल विधेयक को पारित करने की बात मान ली थी. लेकिन जो विधेयक प्रस्तुत किया गया वह लोकपाल से अलग था. अन्ना हजारे फिर 16 अगस्त को सुबह अनशन पर जाने की तैयारी करने लगे, तब दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. तब से अब कर यह मामला जस का तस अटका हुआ है.
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