Supreme Court Amrapali Builder Verdict NBCC To Complete Buyers Flats: आम्रपाली हाउसिंग ग्रुप के फ्रॉड पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आम्रपाली ग्रुप ने सीरियस फ्रॉड किया है. आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को दिया गया है. इसके अलावा ईडी और फेमा को आम्रपाली ग्रुप के सीरियस फ्रॉड की जांच करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के अंदर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली मामले में फैसला सुनाया है. ये फैसला इस मामले में सुनाया जा रहा है कि 42,000 से अधिक परेशान घर खरीदारों को राहत देने के लिए आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं को कौन पूरा करेगा. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों के 10 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखने के बाद कहा था कि उनके पास आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण के लिए संसाधन और विशेषज्ञता नहीं है.
आज सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सीरियस फ्रॉड हुआ है और बड़ी रकम इधर से उधर की गई है. साथ ही फेमा का उल्लंघन किया गया है. विदेशों में भी धन भेजा गया. ग्रेटर नोएडा और नोएडा ऑथोरिटी ने इस मामले में लापरवाही की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फेमा के तहत ईडी मामले की जांच कर हर तीन महीने में कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करे. इस मामले में सीए मित्तल भी जिम्मेदार है. नोएडा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी भी लापरवाही की जिम्मेदार बताई गई है क्योंकि निगहदारी नहीं की गई.
Supreme Court also said that the Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 (RERA) registration of Amrapali is cancelled. Enforcement Directorate will register the money laundering cases against Amrapali, its Chief Managing Director, and other directors. https://t.co/Y0aQmfYXs7
— ANI (@ANI) July 23, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, लीज डीड की गंभीर अवहेलना की गई है इस कारण लीज कैंसिल की जा रही है. घर खरीदारों से जमा रकम की हेराफेरी की. फोरेंसिक ऑडिट में भी कई खुलासे हुए हैं. फोरेंसिक ऑडिट में भी घर खरीदारों की खून पसीने की कमाई में फ्रॉड की पुष्टि हुई है. रेरा के तहत आम्रपाली का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को अधूरे फ्लैट के निर्माण करने को कहा. अब एनबीसीीस घर बनाकर खरीदारों को देगी. 6 महीने के भीतर लगभग पूरे हो चुके प्रोजेक्ट्स के घर बनाकर देने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए एनबीसीसी को 8 प्रतिशत का कमीशन मिलेगा. फेमा के तहत भी ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि केंद्र राज्य सरकार के मंत्रालय और आला अधिकारी अपने यहां अधूरे प्रोजेक्ट्स की जानकारी दें और घर खरीदारों को ऐसे फ्रॉड से बचाने के कानूनी इंतज़ाम करें.