नई दिल्ली। अपने फैसलों और किसी भी मामले में सुनवाई के दौरान की गई टिप्पणियों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान दंग रह गए। दरअसल, शुक्रवार (5 जनवरी) को दो शराब कंपनियों के बीच ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले की सुनवाई के दौरान उनके सामने वकील मुकुल रोहतगी ने व्हिस्की की दो बोतलें लाकर रख दीं। सीजेआई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की बेंच मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस मामले में सुनवाई शुरू होते ही पेरनोड कंपनी के वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से आग्रह किया कि उनको अदालत के अंदर कंपनी के प्रोडक्ट को लाने की अनुमति दी जाए। इजाजत मिलते ही वो कंपनी की शराब की दो बोतलें ले आए और अपनी मेज पर रख दी। इस असामान्य दृश्य को देखकर जस्टिस जेबी पारदीवाला तथा मनोज मिश्रा के साथ बेंच साझा कर रहे सीजेआई चंद्रचूड़ जोर से हंसे और मुकुल रोहतगी से कहा कि आप अपने साथ बोतलें लाए हैं?” इस पर रोहतगी ने जवाब देते हुए कहा कि उनको दोनों उत्पादों के बीच समानता दिखानी है और बताना है कि इस केस में कैसे ट्रेडमार्क का उल्लंघन हुआ है।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर स्थित जेके एंटरप्राइजेज को ‘लंदन प्राइड’ ट्रेडमार्क के तहत मादक पेय पदार्थ बनाने से रोकने के लिए शराब कंपनी पेरनोड रिकार्ड की अपील को खारिज कर दिया था। बता दें कि रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कंपनी ने कोर्ट में दावा किया था कि जेके एंटरप्राइजेज ने ‘ब्लेंडर्स प्राइड’ ट्रेडमार्क तथा ‘इंपीरियल ब्लू’ बोतल को कॉपी किया है। रिकार्ड ने जेके एंटरप्राइजेज पर अपने कस्टमर्स को धोखा देने के लिए ‘लंदन प्राइड’ मार्क का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
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