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Sunflower Cultivation: ऐसे सूरजमुखी की खेती करने से मिलेगा तीन गुना तक मुनाफा

नई दिल्ली : देश में फूलों की खेती की अहमियत अलग ही है. त्योहारों से लेकर शुभ अवसर तक हर जगह फूलों का अलग महत्त्व रहता है. हालांकि कुछ फूल प्रोडक्ट बनाए जाने के काम आते हैं. इनकी खेती करने पर किसानों को बढ़िया मुनाफा मिल सकता है. इन्हीं फूलों में से एक है सूरजमुखी. […]

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Sunflower Cultivation: ऐसे सूरजमुखी की खेती करने से मिलेगा तीन गुना तक मुनाफा
  • August 30, 2022 6:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : देश में फूलों की खेती की अहमियत अलग ही है. त्योहारों से लेकर शुभ अवसर तक हर जगह फूलों का अलग महत्त्व रहता है. हालांकि कुछ फूल प्रोडक्ट बनाए जाने के काम आते हैं. इनकी खेती करने पर किसानों को बढ़िया मुनाफा मिल सकता है. इन्हीं फूलों में से एक है सूरजमुखी.

 

तीनों मौसम में की जाती है इसकी खेती

सूरजमुखी सदाबहार फूलों में गिना जाता है, इस फूल की खेती रबी, खरीफ और जायद तीनों मौसमों में की जाती है. इसके बीज से तेल जैसी कई प्रोडक्ट्स भी बनाए जाते हैं. इन फूलों के बीजों से निकले तेल का इस्तेमाल सुगंधित प्रोडक्ट्स को बनाने में किया जाता है.

90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है फसल

सूरजमुखी की फसल महज 90 से 100 दिनों के बीच पककर तैयार हो जाती है. इन फूलों के बीजों में 40 से 50 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है. बलुई और हल्की दोमट मिट्टी इन फूलों की खेती करने के लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी मानी जाती है. बताते चलें कि सूरजमुखी के पौधे मधुमक्खियों के परागण की वजह से तेजी से बढ़ते हैं. इस वजह से किसान अपनी फसल के आसापास मधुमक्खी पालन भी करते हैं. ऐसा करने से किसान शहद का भी उत्पादन कर सकते हैं जिससे उनकी अतिरिक्त आमदनी होती है.

उन्नत बीजों को चुनें

बुवाई के लिये सूरजमुखी की हाइब्रिड और उन्नत किस्मों को ही चुनें. ऐसा करने से आपको अच्छी पैदावार मिलेगी. इसके लिये खेत में गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कंपोस्ट डालने की सलाह दी जाती है. इस खेती में मेड़बंदी बेहद भी बेहद जरूरी है. इससे आप अपनी फसल को जानवरों से सुरक्षा दे पाएंगे.

कब होती है कटाई?

इस खेती को करने का उद्देश्य ब्यूटी प्रॉडक्ट्स, खाद्य तेल और औषधीयय तेल बनाना हो सकता है. कई कंपनियां इसका उत्पादन करती हैं. बता दें कि सूरजमुखी की फसल उस समय काटी जाती है जब फूलों के सभी पत्ते सूख जाते हैं और सूरजमुखी के सिर का पिछला भाग नींबू की तरह पीला हो जाता है. अगर फसल को काटने में देर की जाए तो दीमक का हमला हो सकता है.

तीन गुना तक मुनाफा

अब आपको काम की बात यानी मुनाफे के बारे में बताते हैं. सूरजमूखी की बुवाई में तकरीबन 25-30 हजार रुपये तक का खर्च आता है वहीं एक हेक्टेयर में करीब 25 कुंतल फूल की बुवाई होती है. बाजार में इन फूलों की कीमत 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक है. इस हिसाब से आप 25-30 हजार रुपये लगाकर करीब एक लाख रुपये से अधिक का मुनाफा निकाल सकते हैं.

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