सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कोर्ट अब शशि थरूर के खिलाफ चार्जशीट पर 5 जून को फैसला सुनाएगी. शशि थरूर पर IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) और 498 ए (क्रूरता) के आरोप लगाए गए हैं.
नई दिल्ली. सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई है जहां सुनंदा के वकील ने कहा ये मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का और निर्दयता का है. साथ ही उन्होंने कहा कि सुनंदा द्वारा सोशल मीडिया पर दिया गया बयान मौत की घोषणा के रूप में माना जा सकता है. दिल्ली पुलिस की चार्जशीज में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर के ऊपर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. ये चार्जशीट कुल 3000 पन्नों की है. हालांकि सोमवार को इसपर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है कि थरूर के आरोपी माना जाए या नहीं. अब से फैसला 5 जून को आएगा. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा है कि थरूर से साढ़े चार साल पुराने इस मामले में आरोपी के तौर पर पूछताछ की जानी चाहिये. पुलिस की माने तो उनके पास थरूर के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
गौरतलब है कि 3 हजार पन्नों की चार्जशीट में लिखा है कि सुनंदा ने अपने पति को भेजे ईमेल में लिखा था कि उनकी जीने की इच्छा खत्म हो चुकी है. इसलिए इस मेल को मौत की घोषणा माना जा सकता है. सुनंदा ने मेल में लिखा था कि ‘मेरी जीने की इच्छा नहीं है…मैं सिर्फ मौत की कामना कर रही हूं.’ इस मेल के ठीक 9 दिन बार सुनंदा की लाश होटल में मिली थी.
थरूर पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) और 498 ए (क्रूरता) के आरोप लगाए गए हैं. साथ ही सुनंदा ने मौत से दो दिन पहले एक कविता भी लिखी थी जिससे साफ जाहिर हो रहा था कि वे डिप्रेस हैं. थरूर सुनंदा के तीसरे पति थे. अगर थरूर के खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो धारा 306 के तहत उन्हें अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है.
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