नई दिल्ली: बेंगलुरु की एक AI कंपनी की CEO सूचना सेठ (Suchana Seth) ने गोवा स्थित होटल में अपने चार साल के बेटे की हत्या की आरोपी स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल एआई की सीईओ सूचना सेठ लगातार आरोपों से इनकार कर रहीं हैं. हालांकि पुलिस को सेठ के दावों पर विश्वास नहीं है. हालांकि गोवा पुलिस बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुई सूचना सेठ से पहले दिन से ही कुछ सवाल कर रही है , लेकिन उन्होंने किसी भी सवालों का खुलकर जवाब नहीं है. बता दें कि पुलिस अब मनोवैज्ञानिक के द्वारा उसके दिमाग में घुसना चाहती है, और लंबा समय होने के बावजूद मोटिव क्लियर नहीं हो पा रहा है कि एक वक्त के लिए मान भी लिया जाए कि वो अपने बच्चे को लेकर इनसिक्योर थी, तो आखिर बात क्या थी.
1. तुमने अपने ही बच्चे का कत्ल क्यों किया?
2. इस वारदात के पीछे तुम्हारा मकसद क्या था?
3. तुम बच्चे की लाश को सूटकेस में भर कर बेंगलुरु क्यों ले जाना चाहती थी?
4. लाश को ठिकाने लगाने की तुम्हारी क्या प्लानिंग थी?
5. तुमने क़त्ल के लिए ही गोवा को चुना था?
सूचना सेठ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. इस कारण पुलिस अब सूचना देने वाले से सीधे पूछताछ नहीं कर रही, बल्कि उसे मनोवैज्ञानिक परामर्श दी है ताकि वो अपने सीने में छिपे राज उजागर कर सके. दरअसल मंगलवार 16 जनवरी को पुलिस ने एक बार फिर मनोवैज्ञानिक की मदद से सूचना सेठ से बात करने की कोशिश की है, लेकिन कहानी में मनोवैज्ञानिक का जिक्र होने के बावजूद उसने खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि वहीं बैठक के बाद मनोवैज्ञानिक ने सुझाव दिया कि पुलिस को सूचना के जरिए हत्या के रहस्य का खुलासा करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक वो होश में आकर खुलकर बात न कर दे. हालांकि पूछताछ में इस बात की बहुत अधिक संभावना बता रही है कि जानकारी मुमकिन है कि सूचना अपने-आप किसी ‘अदृश्य खोल’ में बंद कर ले.
इस बीच गोवा पुलिस की जांच में पता चला कि सुचना सेठ किसी भी कीमत पर अपने बेटे को उसके पिता से यानी वेंकट से नहीं मिलने देना चाहती थी, और वो नहीं चाहती थी कि उसका पति उसके बेटे को देखे. दरअसल इसलिए वो बेंगलुरु से भाग रही थी, और वो एक सप्ताह में दो बार गोवा ट्रिप पर गई और दूसरी बार अपने बेटे की हत्या कर दी. पुलिस के अनुसार, वो आखिरी बार रविवार, 31 दिसंबर, 2023 को अपने बेटे के साथ बेंगलुरु से गोवा आई थी और नए साल के दिन वहीं रुकी थी. बता दें कि अब सवाल ये उठता है कि ऐसी मानसिक स्थिति में उसने अपने बेटे की जान क्यों ली, क्योंकि वो उसे किसी भी कीमत पर अपने से दूर नहीं करना चाहती थी? क्योंकि आत्महत्या के बाद भी उनके बेटे को ना सिर्फ उन्हें हमेशा के लिए छोड़ना पड़ता, आखिर इस मर्डर का मोटिव क्या है. बता दें कि जब रमन ने गोवा पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया , और कहा कि उन्हें पिछले 6 हफ्तों से बच्चे से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। तब रमन के वकील, अजहर मीर ने कहा कि ‘हमें किसी न्याय की उम्मीद नहीं है. बच्चा मर चुका है और मां ने ऐसा क्यों किया, ये एक तरह से अप्रासंगिक है.
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