नई दिल्ली: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के प्रसिद्ध लड्डू में पशु वसा के इस्तेमाल की पुष्टि के बाद हिंदू समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। इस मुद्दे पर मंदिर के पूर्व पुजारी रमना दीक्षितुलु ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। उनका कहना है कि पिछले पांच सालों से मंदिर में घटिया गुणवत्ता का घी इस्तेमाल […]
नई दिल्ली: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के प्रसिद्ध लड्डू में पशु वसा के इस्तेमाल की पुष्टि के बाद हिंदू समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। इस मुद्दे पर मंदिर के पूर्व पुजारी रमना दीक्षितुलु ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। उनका कहना है कि पिछले पांच सालों से मंदिर में घटिया गुणवत्ता का घी इस्तेमाल हो रहा था. उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने पहले ही अधिकारियों से की थी, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी पूर्व सरकार पर आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी के शासनकाल में लड्डू में मिलावट की जा रही थी। उन्होंने कहा कि प्रसाद में शुद्ध घी के बजाय पशु वसा का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे लड्डू की पवित्रता पर सवाल उठते हैं। वहीं आगे नायडू ने आरोप लगाया कि लाखों भक्तों की आस्था से खिलवाड़ किया गया और इस घोर लापरवाही के बावजूद अधिकारी निष्क्रिय बने रहे।
पूर्व पुजारी रमना दीक्षितुलु ने भी इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने वर्षों पहले घटिया घी के इस्तेमाल की जानकारी अधिकारियों को दी थी. हालांकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यह मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ करना है और इसे दोबारा नहीं दोहराया जाना चाहिए।
बता दें, नायडू सरकार द्वारा कराए गए लैब टेस्ट में घी के नमूनों में पशु वसा की पुष्टि हुई. जानकरी के अनुसार, इसमें बीफ टैलो, सुअर की चर्बी और मछली के तेल जैसी चीजें शामिल थीं। इस रिपोर्ट के बाद सवाल उठता है कि क्या पिछली सरकार जानबूझकर भक्तों की आस्था से खिलवाड़ कर रही थी। वहीं पिछले 5 पांच सालों ऐसा कार्य किया जा रहा है.
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