Supreme Court IPC Section 377 Hearing: बीजेपी के राज्यसभा सासंद सुब्रमण्यम स्वामी ने समलैंगिकता को हिंदुत्व के खिलाफ बताया. स्वामी ने कहा कि यह कोई सामान्य बात नहीं है, ये एक बीमारी है जिसे मेडिकल इलाज की जरूरत है.
नई दिल्ली. बीजेपी राज्यसभा सासंद सुब्रमण्यम स्वामी ने समलैंगिकता को हिंदुत्व के खिलाफ बताया. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह कोई सामान्य बात नहीं है, ये एक बीमारी है जिसे इलाज की जरूरत है. इसको लेकर हमें उत्सुक होने या सेलिब्रेट करने की जरूरत नहीं है. स्वामी ने कहा कि होमोसेक्सुअलिटी पर मेडिकल रिसर्च करवानी चाहिए. साथ ही सुब्रमण्मय स्वामी ने कहा कि धारा 377 पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में 7 या 9 जजों की बैंच की सवैंधानिक पीठ का गठन करवाना चाहिए.
It is not a normal thing. We cannot celebrate it. It's against Hindutva. We should invest in medical research to see if it can be cured. Government should consider having a 7 or 9 judge bench: Subramanian Swamy on SC to begin hearing the pleas seeking scrapping of #Section377 pic.twitter.com/EsvCFzyPNZ
— ANI (@ANI) July 10, 2018
सुब्रमण्यम स्वामी ने ये बयान उस दौरान दिया जब आज सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक संबंध अपराध है या नहीं, इसे लेकर सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट उन तमाम याचिकाकर्ताओं की मांग पर सुनवाई करेगा जिनका कहना है कि आईपीसी की धारा 377 के प्रावधान हटा दिया जाए. बता दें सेक्शन 377 के तहत समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध बताया गया है.
बता दें हाईकोर्ट ने 2009 में फैसला सुनाया था कि एकांत में समलैंगिक संबंध बनाना अपराध नहीं है, जिसके चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलते हुए कहा कि जब तक आईपीसी की धारा 377 रहेगी तक हैमो सेक्युल संबंध अपराध के दायरे में आता है.
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