नई दिल्ली: कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों द्वारा हिन्दू सभा मंदिर पर हमला कर श्रद्धालुओं से मारपीट करने और खालिस्तानी झंडे दिखाने की घटना ने भारत में बवाल खड़ा हो गया है। इस हमले को लेकर दोनों देशों के बीच रिश्तों में और भी खटास आ गई है। घटना के बाद दिल्ली में हिन्दू-सिख ग्लोबल फोरम के सदस्यों ने कनाडा सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
बता दें फोरम के सदस्य कनाडा एंबेसी के सामने इकट्ठे हुए और सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। वहीं प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और एंबेसी के आसपास दो लेयर की बैरिकेडिंग की। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पहले बैरिकेडिंग तोड़ दी और एंबेसी की ओर बढ़ने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं और उन्होंने कनाडा सरकार के खिलाफ नारे लगाए। वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और बैरिकेडिंग नीचे गिरी पड़ी थी।
#WATCH | Delhi: People of the Hindu Sikh Global Forum on their way to the High Commission of Canada, Chanakyapuri, to protest against the attack on a Hindu Temple in Canada, were stopped at Teen Murti Marg by Police. pic.twitter.com/ONaXu46gJi
— ANI (@ANI) November 10, 2024
प्रदर्शन में हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के मुख्य संरक्षक सरदार इकबाल सिंह लालपुरा, फोरम के अध्यक्ष सरदार तरविंदर सिंह मारवाह और शहीद भगत सिंह सेवा दल के अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह शंटी समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए। इस दौरान जीतेंद्र सिंह शंटी ने कहा कि मंदिरों पर हमला करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और यह कृत्य असहनीय है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने पंजाब की एक पूरी पीढ़ी को तबाह कर दिया था और अब धार्मिक स्थलों पर हमले करना समाज में अराजकता फैलाने का नया तरीका बन गया है।
#WATCH | Jitender Singh Shunty, President of Shaheed Bhagat Singh Sewa Dal, says, “An entire generation had been destroyed during militancy. They were either killed or they migrated to other countries. Then they introduced drugs to ruin the lives of our young generation. When… https://t.co/hNfglVB9mt pic.twitter.com/OzyK7x6hLd
— ANI (@ANI) November 10, 2024
शंटी ने जोर देते हुए कहा, “एक सच्चा सिख कभी खालिस्तानी नहीं हो सकता। अगर वे अलग राष्ट्र चाहते हैं, तो इसे अपने तक सीमित रखें। हम चाहते हैं कि हमारे तिरंगे और हमारे देश का हमेशा सम्मान हो।” इसके बाद हिन्दू-सिख ग्लोबल फोरम ने एक ज्ञापन देकर अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त किया।
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