नई दिल्ली, Imran khan पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता में महज कुछ दिन ही बचे है. 3 अप्रैल को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है, जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि इमरान खान सियासी पिच पर बने रहेंगे या नहीं। इस बीच कल यानि गुरुवार को पाक पीएम इमरान खान ने देश के नाम सम्बोधन किया। इस सम्बोधन में उन्होंने ‘विदेशी साजिश’ के अपने दावों को दोहराया और कहा कि एक विदेशी राष्ट्र उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के खिलाफ काम कर रहा है। इस सम्बोधन के दौरान इमरान खान की जुबान फिसल गई और वे एक गलती कर बैठे। उन्होंने विदेशी साजिश को लेकर संदेश भेजने वाले में अमेरिका का नाम गलती से ले लिया। हालांकि इसके बाद वे अमेरिका पर बरस पड़े. और उन्होंने अमेरिका पर आरोपों की झाड़ियां लगा दी।
दरअसल, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग से पहले अपनी जी-जान लगाकर मेहनत कर रहे है. वे कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते ,जिससे उनसे कुर्सी बच सकती है. इसी के चलते उन्होंने गुरुवार को पाकिस्तान की आवाम को संबोधित किया। इस सम्बोधन में उन्होंने लोगों से कहा कि एक विदेशी राष्ट्र ने एक संदेश भेजा है कि इमरान खान को हटाने की जरूरत है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान को इसके परिणाम भुगतने होंगे। पीएम खान ने अपने सम्बोधन में उस पत्र का जिक्र किया जिसे वे पिछले कुछ समय से विदेशी साजिश बता रहे है. उन्होंने आगे कहा कि “संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमे खत भेजा”. जैसे ही पीएम खान ने यह शब्द बोला वे तुरंत इस बात से बदल गए और उन्होंने कहा कि अमेरिका नहीं एक बाहरी मुल्क ने एक संदेश भेजा था, जो पाकिस्तान राष्ट्र के खिलाफ था।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने सम्बोधन में कहा कि उन्हें 7-8 मार्च को अमेरिका ने एक पत्र भेजा था, फिर वे बोले अमेरिका नहीं बल्कि एक बाहरी मुल्क ने हमें एक संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि ये मैं इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि एक स्वतंत्र देश के लिए ऐसा संदेश प्राप्त करना मेरे और मेरे देश के खिलाफ है।” पाक पीएम ने कहा कि पत्र का मेमो उनके खिलाफ था, सरकार के खिलाफ नहीं। उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा था कि यदि अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा, अगर ऐसा नहीं किया गया तो परिणाम भुगतने होंगे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा अमेरिका का साथ दिया, लेकिन अमेरिका ने हमी पर प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में हुए 9/11 के हमले में पाकिस्तान का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं था. पाक पीएम ने कहा कि यदि कोई ”22 करोड़ की जनता के सामने आएगा और कहेगा कि मुझे आपकी विदेश नीति पसंद नहीं है क्योंकि आप रूस चले गए थे, उनका ऐसा कहना हैं मानो हम उनके नौकर हों। उन्होंने आगे कहा कि पत्र में लिखा है कि इमरान को चले जाना चाहिए लेकिन उनके (विपक्ष) आने से कोई दिक्कत नहीं होगी। पाक पीएम ने कहा कि दागी नेता अमेरिका की मदद से सत्ता हासिल करना चाहते हैं।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संबोधन के आखिरी में कहा कि रविवार का दिन फैसले का दिन है। क्योंकि इस दिन अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग होनी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग दिन- रात मेरे इस्तीफे के पीछे लगे है, लेकिन मैं आखिरी गेंद तक सियासी पिच पर डटा रहूंगा और उनका मुकाबला करूंगा। इमरान ने लोगों से अपील की कि उस दिन संसद की कार्यवाही में हर एक गद्दार को देखिएगा और याद रखना कि कैसे इन्होंने विदेशी ताकतों की शह पर पाकिस्तान को दांव पर लगा दिया है।
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