Indian Air Force Day: बहुत कम लोग जानते हैं कि आपरेशन ब्लूस्टार से पहले इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ‘सनडाउन’ की प्लानिंग कर ली थी. जिसके लिए बाकायदा अमृतसर के गोल्डन टैम्पल जैसा स्ट्रक्टर खड़ा किया गया और अत्याधुनिक हैलीकॉप्टरों से कमांडोज को उतारकर वहां धावा बोलने की प्रेक्टिस भी की जाती है.
नई दिल्ली. भारत में कई ऐसे सीक्रेट ऑपरेशंस हुए हैं, जिनके बारे में दशकों बाद खुलासे हुए हैं. ऐसा ही एक सीक्रेट ऑपरेशन सहारनपुर के सरसावा एयरबेस पर हुआ था. इंदिरा गांधी के समय हुए इस टॉप सीक्रेट ऑपरेशन से जुड़े थे रॉ जैसी गुप्तचर संस्था स्थापित करने वाले आर एन काव भी. लेकिन देश को उसके बारे में तभी पता चला जब इंग्लैंड में कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट बाहर आए तो, मार्गेट थिएचर और इंदिरा सरकार के बीच हुए इस सीक्रेट समझौते की जानकारी बाहर आई. इस पर विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने हंगामा कर दिया.
आमतौर पर हर पढ़ा लिखा व्यक्ति इंदिरा गांधी से जुड़े ऑपरेशन ब्लू स्टार को ही जानता है, लेकिन ये बात काफी कम लोगों को पता है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार से कई महीने पहले ही इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ‘सनडाउन’ की प्लानिंग कर ली थी. बाकायदा अमृतसर के गोल्डन टैम्पल जैसा स्ट्रक्टर खड़ा किया गया और अत्याधुनिक हैलीकॉप्टरों से कमांडोज को उतारकर वहां धावा बोलने की प्रेक्टिस भी की जाती है.
जिसका जिम्मा सौंपा गया था रॉ को खड़ा करने वाले उस वक्त एनएसए जैसी पोजीशन वाले डायरेक्टर जनरल ऑफ सिक्योरिटी (डीजीएस) आर एन कॉव को. सबसे पहले आम श्रद्धालुओं के वेश में जाकर रॉ ऑफीसर्स ने गोल्डन टैम्पल के अंदर का मैप बनाया और सिक्योरिटी का जायजा लिया. फिर उसी आधार पर एक मॉडल सरसावा एयरफोर्स बेस पर वैसा ही मॉडल खड़ा किया गया. 200 कमाडोंज ने एमआई हैलीकॉप्टर्स के जरिए कई बार मॉक ऑपरेशन भी किया.
लेकिन जब सारी तैयारियां हो चुकी थीं, सब कुछ परफैक्ट जा रहा था, तब भी इंदिरा गांधी ने आर एन काव को ना सोंपकर स्वर्ण मंदिर के मामले में आर्मी को ऑपरेशन की जिम्मेदारी क्यों सौंपी? क्यों सन डाउन को किनारे करके ऑपरेशन ब्लू स्टार की प्लानिंग की गई? जानिए पूरी कहानी विष्णु शर्मा के साथ इस वीडियो में-