नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान अभी भी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार किया जाए जहां भाजपा सांसद पर यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं. बता दें, बीते दिनों पुलिस […]
नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान अभी भी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार किया जाए जहां भाजपा सांसद पर यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं. बता दें, बीते दिनों पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो FIR दर्ज़ की थी जिसमें से एक पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज़ की गई हैं लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसी कड़ी में आरोप लगाने वाली नाबालिग समेत छह महिला पहलवानों ने मंगलवार को अपने बयान दर्ज़ करवाए हैं.
राऊज एवेन्यू स्थित संबंधित कोर्ट में 164 के तहत कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने सभी के बयान दर्ज कराए हैं. जिनमें से दो पहलवानों के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके थे. आरोपी बृजभूषण का बयान पहले ही दर्ज हो चुका है.
धरने पर बैठी महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा है कि “हम चिट्ठी लिखकर इंटरनेशनल ओलम्पियन्स से समर्थन की मांग करेंगे। जंतर मंतर से बाहर भी इस प्रोटेस्ट को लेकर जाएंगे। ये लड़ाई हर महिला खिलाड़ी की है। शाम को सीपी जाकर इसकी शुरूआत करेंगे। इसका ज्ञापन राष्ट्रपति, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के नाम चिट्ठी जिला मुख्यालय में देंगे।” इसके अलावा कनॉट प्लेस में सभी के सामने पहलवान अपनी बात रखने के लिए जाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि 21 मई को वह बड़ा फैसला ले सकते हैं. बता दें, पहलवानों ने 9053903100 नंबर जारी किया है जिसपर मिस कॉल देकर लोग उनका समर्थन दर्ज़ करवा सकते हैं.
इस दौरान विनेश फोगाट ने रुकावट के आरोप लगाते हुए कहा कि “कल रात भी हमारे प्रोटेस्ट को खराब करने का प्रयास किया गया।” पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत भाजपा की महिला सांसदों को खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से, पहलवानों ने महिला सांसदों से समर्थन की मांग की है, जिससे कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई हो सके. दरअसल पहलवानों का कहना है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली ये महिला सांसद हमारे दुख में भी शामिल हों और हमारा साथ दें. इसके अलावा 16 मई को देशभर के जिला मुख्यालयों पर 1 दिन के सत्याग्रह करने की मांग भी की गई है.
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