यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह उत्तर प्रदेश में अग्रिम जमानत का प्रावधान लागू करने के लिए जल्द ही विधानसभा में कानून बदलने के लिए विधेयक पेश करेगी. यूपी में अभी अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है. अभी लोगों को मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए सीधे हाईकोर्ट जाना पड़ता है. यूपी की तरह उत्तराखंड में भी अग्रिम जमानत नहीं मिलता है और उसने भी कोर्ट से कहा है कि वो भी यूपी सरकार की तर्ज पर एंटीसिपेटरी बेल का प्रावधान करने जा रही है.
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि यूपी में अग्रिम जमानत का प्रावधान लाने के लिए उनकी सरकार विधानसभा में संशोधित बिल पेश करेगी. राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि वो इसे लागू करेगी और इस पर कानून बना रही हैं. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में बाकी राज्यों की तरह अग्रिम जमानत का प्रावधान ही नहीं है और अगर किसी पर एफआईआर होती है तो उसे गिरफ्तार होकर जेल जाने के बाद ही जमानत मिलती है.
सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार ने कहा है कि वो इसको संशोधित स्वरूप में लागू करेंगे. वहीं अग्रिम जमानत के मामले पर उत्तराखंड सरकार ने कोर्ट से कहा है कि वो भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर काम कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इन सबमें कितना समय लगेगा. अगली सुनवाई में उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा.
बता दें यूपी और उत्तराखंड में अभी अग्रिम जमानत का प्रावधान ही नहीं है. दोनों राज्यों में किसी को प्राथमिकी यानी मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सीधे हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ती है और वहां से भी मात्र गिरफ्तारी पर रोक मिलती है जो अग्रिम जमानत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों से कहा था कि कानून में अग्रिम जमानत का प्रावधान होना चाहिए और उसी सिलसिले में कोर्ट में ये सुनवाई चल रही है जिस पर सरकार ने कहा है कि वो प्रावधान करने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश करेगी.