मध्यप्रदेश. MP हाल ही में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेल मंत्रालय ने रामायण सर्किट ट्रेन की शुरुआत की थी. यह ट्रेन “देखो अपना देश” पहल के तहत चलाई गई हैं. इस ट्रेन में वेटर्स के भगवा ड्रेस को लेकर विवाद हो गया और साधु-संतों ने रेलवे को धमकी दे दी कि तत्काल इसे चेंज करो नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो. इसके बाद आनन-फानन में ड्रेस कोड बदल दी गई. पहले इस ट्रेन में वेटरों को भगवा वस्त्र, धोती , पगड़ी पहनाई गई . सोशल मीडिया में ट्रेन का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वेटर भगवा वस्त्र पहने लोगोँ को खाना दे रहे हैं और उनके जूठे बर्तनों को उठा रहे हैं. इसपर संतो का कहना है कि यह हमारे धर्म का अपमान है. ट्रेन में वेटरों को नई ड्रेस पहनाई जाए. उन्होंने रेल मंत्री को इस सन्दर्भ में पत्र लिखा और रामायण सर्किट ट्रेन की अगली यात्रा को रद्द करने की मांग की . उन्होंने पत्र में चेतावनी देते हुए लिखा यदि वेटरों की ड्रेस नहीं बदली जाती है तो हम ट्रेन को रोक देंगे। इसके बाद ताजा बदलाव हुआ है.
17 दिन में तय करेगी 7500 किलोमीटर की यात्रा
दिल्ली के सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव अयोध्या है, जहां से धार्मिक पर्यटन यात्रा की शुरुआत होती है. इस यात्रा में ट्रेन और बस दोनों का सफर मिलकर यह धार्मिक यात्रा 7500 किलोमीटर की होती है. अयोध्या से शुरू होकर अंत में धनुषकोटि धार्मिक स्थल से यह रामेश्वरम से 17वे दिन में लोटती है.
12 दिसंबर को ट्रैन की अगली ट्रिप
रामायण सर्किट ट्रेन की अगली ट्रिप 12 दिसंबर को शुरू होगी। यात्री IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी बुकिंग कर सकते है. एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख 2 हजार 95 रूपये(102095) है, वहीँ सेकंड एसी के लिए 82 हजार 950 रुपये है. इस धार्मिक यात्रा के लिए 18 साल से अधिक उम्र के लोगो को कोविड-19 के दोनों टीको का लगा होना अनिवार्य है.
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