श्रीश्री रविशंकर ने जाति आधारित आरक्षण को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर आने वाले दिनों में बड़ी बहस छिड़ सकती है. रविशंकर ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण ज्यादा दिन नहीं चलेगा. अगर ऐसा जारी रहा तो विद्रोह हो जाएगा.
नई दिल्ली. आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने आरक्षण को लेकर ऐसा बयान दिया है. जिसको लेकर सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रहा है. एससी-एसटी के लोग सोशल मीडिया पर इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा कर रहे है, जबकि सवर्ण इसकी तारीफ कर रहे हैं. दरअसल हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर से इंटरव्यू में रविशंकर ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण ज्यादा दिन नहीं चलेगा. अगर ऐसा हुआ तो विद्रोह हो जाएगा. इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी श्रीश्री ने अपनी राय रखी.
दैनिक भास्कर दिल्ली के संपादक ने जब श्रीश्री रविशंकर से पूछा कि एससी, एसटी और ओबीसी को मिल रहे आरक्षण को लेकर आपका क्या सोचना है तो रविशंकर ने कहा कि आरक्षण जाति आधार पर नहीं आर्थिक आधार पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर तबके के गरीब लोगों को सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से आरक्षण मिलना चाहिए. जब दैनिक भास्कर के संपादक ने पूछा कि अभी तो ऐसा नहीं हो रहा है तो श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि ज्यादा दिनों तक ऐसा नहीं चलेगा. अगर ऐसा होता है तो विद्रोह हो जाएगा.
आरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि मैंने देखा है कि ऊंची जाति के लोग भी गरीब हैं. दिल्ली जैसे महानगरों में वो रोजगार के लिए आते हैं और मजदूरी और कुली का काम करते हैं. साइकिल रिक्शा चला रहे हैं. मेरा मानना है कि गरीब लोगों का जीवनस्तर ऊपर उठाना चाहिए. वहीं केंद्र सरकार की नीतियों का तारीफ करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि इनके लॉन्ग टर्म बैनिफिट हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी देशहित में आवश्यक था. हालांकि राहुल गांधी के पीएम बनने के सवाल पर श्रीश्री रविशंकर कुछ हिचकते दिखे.
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