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Sri Sri Ravi Shankar Ayodhya Ram Mandir Mediation: अयोध्या केस में मध्यस्थ श्री श्री रविशंकर कैसे रहेंगे निष्पक्ष, राम मंदिर बनाने के खुले समर्थक रहे हैं बाबा

Sri Sri Ravi Shankar Ayodhya Ram Mandir Mediation: अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर समेत तीन लोगों को मध्यस्थ बनाया है. श्री श्री रविशंकर हमेशा से अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने के खुले समर्थक रहे हैं. ऐसे में वे इस मामले में कैसे निष्पक्ष मध्यस्थता कर पाएंगे.

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mediator in Ayodhya case sri sri ravi shankar is in favour of building ram mandir
  • March 8, 2019 4:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल के पाले में खिसका दिया है. कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले को कानून के दायरे से बाहर सुलझाने के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल गठित किया है. यह पैनल अयोध्या भूमि विवाद मामले में मध्यस्थ के रूप में भूमिका निभाएगा और सभी पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा से बातचीत करेगा. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाए गए इस पैनल में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर का नाम भी शामिल है.

आपको बता दें कि श्री श्री रविशंकर ने एक साल पहले इंडिया न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि विवादित भूमि पर राम मंदिर ही बनना चाहिए. मतलब यह कि श्री श्री रविशंकर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में हैं और इस मामले में निष्पक्ष नहीं हैं. उनका हमेशा से यह कहना है कि राम मंदिर मामले को कोर्ट से बाहर बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है.
श्री श्री रविशंकर ने यह तक कहा था कि मुस्लिम समुदाय को विवादित भूमि हिंदुओं को उपहार स्वरूप दे देनी चाहिए. एक साल पहले श्री श्री रविशंकर की इंडिया न्यूज से खास बातचीत देखें इस वीडियो में-

इस इंटरव्यू में श्री श्री रविशंकर ने कहा था, ‘भारत में राम मंदिर मामला एक जमीनी विवाद नहीं बल्कि एक आस्था का विषय है. राम मंदिर से हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. इसलिए अयोध्या से भगवान राम को हटाना असंभव है. यदि विवादित भूमि पर राम मंदिर नहीं बना तो भारत में गृहयुद्ध जैसे हालात छिड़ जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सटीक फैसला नहीं दे सकता है. इसे कोर्ट से बाहर मध्यस्थता करके ही सुलझाया जा सकता है.’

वहीं दूसरी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में श्री श्री रविशंकर को रिटार्यड जस्टिस कलीफुल्ला और श्रीराम पंचू के साथ मध्यस्थता करने वाले पैनल में शामिल किया है. इस पैनल की अध्यक्षता जस्टिस कलीफुल्ला करेंगे. पैनल एक हफ्ते के भीतर ही अपना काम शुरू कर देगा. साथ ही चार हफ्ते के भीतर कोर्ट को प्रोग्रेस रिपोर्ट भी सौंपनी होगी. हालांकि फाइनल रिपोर्ट के लिए कोर्ट ने पैनल को 8 हफ्तों का वक्त दिया है.

अब बात यह है कि जो संत अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में हैं उन्हें शीर्ष अदालत ने कोर्ट मध्यस्थता पैनल में शामिल किया है. जबकि मध्यस्थता करने वाले लोग इस मामले में पूरी तरह निष्पक्ष होने चाहिए. हालांकि श्री श्री रविशंकर का कहना है कि कोर्ट ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है उन्हें वे बखूबी रूप से निभाएंगे. अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि क्या मध्यस्थता के जरिए अयोध्या विवाद का स्थायी समाधान निकल पाएगा या नहीं.

Supreme court Ayodhya Ram Mandir: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर मामले में बनाया मध्यस्थ तो यह बोले जस्टिस एएफएमआई कलीफुल्ला और श्री श्री रविशंकर.

Ayodhya Land Dispute: जानिए कौन हैं जस्टिस कलीफुल्ला, श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पंचू, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर मामले में मध्यस्थ बनाया है

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