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India Sri Lanka Relation: PM मोदी से मिले श्रीलंकाई राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, क्यों खास है ये मुलाकात

नई दिल्ली: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. उनकी इस यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस यात्रा से भारत-श्रीलंका के संबंधों को मजबूती मिलेगी. अपनी इस यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति आज दिल्ली में PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई .इस मुलाकात के दौरान […]

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India Sri Lanka Relation: PM मोदी से मिले श्रीलंकाई राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, क्यों खास है ये मुलाकात
  • July 21, 2023 12:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. उनकी इस यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस यात्रा से भारत-श्रीलंका के संबंधों को मजबूती मिलेगी. अपनी इस यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति आज दिल्ली में PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई .इस मुलाकात के दौरान हिन्द -प्रशांत क्षेत्र के साथ ऊर्जा , बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की जाएगी. बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद विक्रमसिंघे की पहली भारत यात्रा है जिसमें रणनीतिक रूप से कई महत्वपूर्ण बातचीत होने की उम्मीद जताई जा रही है.

PM मोदी से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के बीच नई दिल्ली में आज सुबह मुलाकात हुई. रानिल विक्रमसिंघे दो दिन की यात्रा पर भारत आये हैं. बता दें कि PM मोदी से मुलाकात से पहले NSA अजीत डोभाल से उनकी मुलाकात हुई थी.

रूपये को कॉमन करेंसी बनाने पर दी मंजूरी

भारत अब डॉलर की बजाय अपने पड़ोसी देश के साथ रूपये में व्यापर करने पर जोर दे रहा है. इसको लेकर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत आने से पहले कहा था कि श्रीलंका में भारतीय रूपये को उतना ही इस्तेमाल किया जायेगा जितना की अमेरिकी डॉलर को किया जाता है. उन्होंने कहा कि रूपये के कॉमन करेंसी के रूप में इस्तेमाल पर उनको कोई समस्या नहीं है. बस ये देखना होगा कि रूपये के इस्तेमाल से पहले क्या-क्या जरुरी बदलाव करने होंगे.

तमिल अल्पसंख्यक के मद्दे पर बात संभव

विक्रमसिंघे जब से श्रीलंका के राष्ट्रपति बने हैं तब से उनका विरोध श्रीलंका में रहने वाले तमिल लोगों द्वारा किया जा रहा है. इसको लेकर तमिल अल्पसंख्यकों ने PM मोदी को पत्र लिखा था. पत्र को श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चआयोग को सौपा गया. जिसमें श्रीलंका के नार्थ ईस्ट इलाकों में तमिल आबादी को शासन करने की शक्ति देने की मांग की गई है. ऐसे में विक्रमसिंघे इस मुद्दे पर भी बात कर के कोई हल निकालने का प्रयास करेंगे.

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