India vs Denmark in Davis Cup 2022 नई दिल्ली : India vs Denmark in Davis Cup 2022 डेविस कप शरू होने से पहले भारत के पूर्व डेविस कप खिलाड़ी रमेश कृष्णन ने कहा है कि डेनमार्क के खिलाफ भारत का मौसम और सतह बड़ी अहम भूमिका निभा सकते हैं। ड्रॉ ने भारत का साथ पहले […]
नई दिल्ली : India vs Denmark in Davis Cup 2022 डेविस कप शरू होने से पहले भारत के पूर्व डेविस कप खिलाड़ी रमेश कृष्णन ने कहा है कि डेनमार्क के खिलाफ भारत का मौसम और सतह बड़ी अहम भूमिका निभा सकते हैं। ड्रॉ ने भारत का साथ पहले ही दे दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि घास की प्रवृति समय-समय पर बदलती रहती है। अगर बारिश हो जाये तो सतह धीमी हो जाती है और यदि धूप निकल आये तो ये सतह तेज़ हो जाती है। यह मुक़ाबला यहां के जिमखाना क्लब में 4 और 5 मार्च को आयोजित किया जाएगा।
रमेश कृष्णन ने आईटीवी नेटवर्क(ITV) द्वारा आयोजित अब तक के सबसे बड़े टेनिस कॉन्क्लेव के मौके पर कहा कि हमारा मुक़ाबला बेशक हमारे से ऊंची रैंकिंग की टीम से है लेकिन डेनमार्क हमसे उतना भी ऊपर नहीं है कि उसे हराया न जा सके। हमारे लिए यह अच्छा संकेत है कि डेनमार्क के खिलाड़ी घास पर बहुत कम खेलते हैं। हमारा ड्रॉ इसलिए अच्छा है क्योंकि हमें अपने घर में खेलने का फायदा होगा। घर में अपने कोचों से कोचिंग, अपने स्पेयरिंग पार्टनर के साथ अभ्यास एक बड़े बोनस की तरह है। जब 80 के दशक में हम डेनमार्क से डेविस कप में जीते थे, तब वह मुक़ाबला यूएस ओपन के बाद आयोजित किया गया था। तब बहुत ठंड थी लेकिन अब प्लेइंग कंडीशंस भारत के पक्ष में हैं।
मैच के वैन्यू दिल्ली जिमखाना क्लब के बारे में बताते हुए रमेश ने कहा कि उन्होंने अपना आखिरी डेविस कप मैच भी इसी वैन्यू पर खेला था। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 1978 में डेविस कप का मैच इसी वैन्यू पर खेला था। उसी वर्ष यहां नैशनल चैम्पियनशिप का भी आयोजन किया गया था लेकिन तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। यहां तक कि बेस्ट ऑफ थ्री सेट और दो दिन में मुक़ाबले का खत्म होना। उन्हें खुशी है कि डेविस कप की परम्परा जीवित है और इसको लेकर हमेशा रोमांच बना रहता है। इस मुक़ाबले के लिए डेविस कप टीम में चुना जाना सम्मान की बात है। मैं भारतीय दल को इस अहम मुक़ाबले के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
इस अवसर पर एक अन्य पूर्व डेविस कप खिलाड़ी जसजीत सिंह ने कहा कि इस टूर्नामेंट में आप देश के लिए खेलते हैं जिससे इसका महत्व बढ़ जाता है। ऐसे मौके पर अगर दर्शकों का समर्थन मिल जाये तब तो कहने ही क्या। जब हमने 1974 में कोलकाता में डेविस कप मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराया था तो वह लम्हा हम ज़िंदगी भर नहीं भूल सकते। उस मुक़ाबले को देखने के लिए 15 हज़ार लोग मौजूद थे। उस वक्त का माहौल वास्तव में अविश्वसनीय था।
जसजीत सिंह ने कहा कि हमारे समय में काफी टूर्नामेंट ग्रास कोर्ट पर होते थे लेकिन अब उनकी जगह हार्ड कोर्ट और क्ले कोर्ट ने ले ली है। अब रैकेट से लेकर गेंदें तक बदल चुकी हैं। टेनिस मुक़ाबलों की ट्रेनिंग करने का तरीका बदल गया है या यह किए कि पूरा गेम ही बदल गया है। दुनिया के बड़े खिलाड़ियों को इसी टूर्नामेंट की ज़रिए भारत में खेलते देखना सुखद अनुभव होता है। डेविस कप मुक़ाबले को अगर टेनिस का मैराथन कहा जाये तो ग़लत नहीं होगा। मैं इस ग्रैंड स्लैम इवेंट्स से भी बढ़कर मानता हूं।
इस कॉन्क्लेव में डेविस कप के पूर्व स्टार विजय अमृतराज, आनंद अमृतराज, प्रकाश अमृतराज, जयदीप मुखर्जी, नंदन बाल, एनरिको पिपरनो और जसजीत सिंह सहित भारतीय टीम के कोच ज़ीशान अली और रोहित राजपाल ने भाग लिया। साथ ही टेनिस से जुड़े दुनिया भर के फैंस भी इस कॉन्कलेव का हिस्सा बने।