लखनऊ। सीसामऊ से चार बार विधायक रहे इरफान सोलंकी ने सरेंडर कर दिया है, हम आपको बात दें की संबंधित अपराध में मुख्य आरोपी की भूमिका निभा रहे सोलंकी गैरजमानती वारंट के चलते फरार थें, जिसके लेकर उनके पीछे चार राज्यों की पुलिस लगी ही थी। 31 दिन बीत जाने के बाद इरफान ने पुलिस […]
लखनऊ। सीसामऊ से चार बार विधायक रहे इरफान सोलंकी ने सरेंडर कर दिया है, हम आपको बात दें की संबंधित अपराध में मुख्य आरोपी की भूमिका निभा रहे सोलंकी गैरजमानती वारंट के चलते फरार थें, जिसके लेकर उनके पीछे चार राज्यों की पुलिस लगी ही थी। 31 दिन बीत जाने के बाद इरफान ने पुलिस कमिश्नर के आवास पर पहुंचकर सरेंडर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक इरफान सोलंकी का एक प्लाट को लेकर काफी सालों से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते इरफान और उनके भाई रिज़वान ने अपनी पड़ोसी महिला का घर फूंक दिया था। इस जिसके बाद दोनो भाई फरार हो गए।
सीसामऊ से चार बार विधायक एवं कद्दावर नेता इरफान सोलंकी और रिजवान सोलंकी गैर जमानती वारंट के चलते फरार हो गए थे। साथ ही पुलिस को धारा 82 की कार्रवाई की अनुमति भी मिल गई थी। जिसके तहत सम्पत्ति की कुर्की करने से पहले नोटिस आरोपी के घर पर देने के बाद मुनादी भी कराई जा रही थी। इस भय के कारण दोनों भाईयों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है।
विधायक द्वारा पीड़ित बेबी नाज ने आप बीती सुनाते हुए कहा कि, इस प्लॉट के चक्कर में मैं अपने दो भाईयों और पिता को खो चुकी हूं । उन्होने बताया कि, 1986 में पिता मरहूम काजिद हुसैन ने यह कार्नर का प्लाट अलॉट करवाया था। जिसका एक चौथाई पैसा भी केडीए को जमा कर दिया था।
यहाँ घर बनाने के लिए हम पैसे जोड़ रहे थे कि, 1992 में हाजी मुश्ताक की नज़र इस प्लॉट पर पड़ी और उन्होने केडीए के साथ मिलकर हम लोगों के एक साथ पैसा जमा करने को कहा। जिसका मामला अभी भी न्यायालय में चल रहा है।
उन्होने बताया कि, इस प्लॉट के चलते उनके दो भाईयों की जान चली गई तथा विधायक के परिवार द्वारा मारपीट के कारण उनके पिता को भी ब्रेन हैमरेज हो गया।