नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इजरायल-हमास युद्ध को लेकर एक आर्टिकल लिखा है। सोनिया गांधी ने कहा कि इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र के हालिया प्रस्ताव पर भारत के रुख का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है। सोनिया गांधी ने आर्टिकल में कहा कि उनकी पार्टी ने हमास के हमलों की […]
नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इजरायल-हमास युद्ध को लेकर एक आर्टिकल लिखा है। सोनिया गांधी ने कहा कि इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र के हालिया प्रस्ताव पर भारत के रुख का कांग्रेस पार्टी कड़ा विरोध करती है। सोनिया गांधी ने आर्टिकल में कहा कि उनकी पार्टी ने हमास के हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की थी। लेकिन इस जंग को इजरायल ने और बढ़ा दिया है, जिससे गाजा में बेगुनाह लोगों की जानें जा रही हैं।
दरअसल, एक अखबार के लिए लिखे आर्टिकल में सोनिया गांधी ने कहा कि गाजा में मानवता की परीक्षा ली जा रही है। उन्होंने कहा कि इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से कम पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि लेकिन अब इजरायल की प्रतिक्रिया से हम और अधिक कमजोर हो गए हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि हमारी सामूहिक चेतना के जगाने से पहले न जानें कितने और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी। उन्होंने आगे लिखा कि 7 अक्टूबर 2023 को योम किप्पुर जंग की 50वीं वर्षगांठ पर, हमास ने इज़राइल पर क्रूर हमला किया, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए, अधिकतर आम नागरिक और 200 से अधिक का अपहरण भी किया गया।
सोनिया गांधी ने इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर कांग्रेस का रूख स्पष्ट किया। उन्होंने आर्टिकल में लिखा कि न्याय के बिना शांति नहीं हो सकती। उन्होंने आगे कहा कि डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय तक इजरायल की बेरोक-टोक नाकेबंदी ने गाजा को खुली जेल में बदल दिया है। उन्होंने लिखा कि शांति तभी आएगी, जब दुनिया का नेतृत्व किया जाएगा।