नई दिल्ली. आगामी वर्ष में चुनाव का मौसम आने वाला है, कुल पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव पर सभी की नज़रे टिकी हुई हैं. पार्टियों ने सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और पंजाब में अपनी ताकते झोंक दी है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश में नेताओं की […]
नई दिल्ली. आगामी वर्ष में चुनाव का मौसम आने वाला है, कुल पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव पर सभी की नज़रे टिकी हुई हैं. पार्टियों ने सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और पंजाब में अपनी ताकते झोंक दी है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश में नेताओं की चुनावी रैलियां और जनसभाएं शुरू हो गई हैं. प्रदेश में वादों की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. पार्टियां जीत के बाद किए जाने वाले कामों के बारे में अभी से बताने में जुटी हैं. इसी क्रम में बीते कुछ साल से राजनीति में पिछड़ रही कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी कमर कस ली है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीत के लिए पार्टी को मूल मंत्र ( Sonia gandhi directions to Congress ) भी दिया है.
आगामी वर्ष में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और गुजरात में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में, पार्टियों ने चुनावी राज्यों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी, जिसकी बीते कुछ समय से राजनीतिक पहुँच पूरी तरह समाप्त हो चुकी है, उसे पुनर्जीवित करने के लिए कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी को मूल मंत्र दिया है. इस मूलमंत्र में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन बिंदु रखे :
सोनिया गांधी ने पार्टी को जीत का मूलमंत्र देते हुए सबसे पहले संगठन को मज़बूत करने की बात रखी, उन्होंने कहा कि जीत के लिए संगठन की मज़बूती ज़रूरी है क्योंकि पहले जो संगठन की ताकत हुआ करती थी वह अब नहीं है.
सोनिया गांधी ने पार्टी को जीत का मूलमंत्र देते हुए दूसरी प्रमुख बात यह रखी कि पार्टी को आम जन के बीच दोबारा से अपनी पहुँच बनानी होगी क्योंकि पार्टी अब आम जनता से बहुत दूर हो गई है. इसके लिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर काम करने की सख्त हिदायत दी.
सोनिया गांधी ने कार्यकर्ताओं को पार्टी में नए सदस्यों को जोड़ने की बात भी कही. बता दें 1 नवंबर से पार्टी अपना सदस्य्ता अभियान शुरू कर रही है. इस अभियान को शुरू करने के बाबत फैसला 16 अगस्त को ही ले लिया गया था. सोनिया गांधी ने कहा है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी के विचारों से अवगत कराना जरूरी है, इसके लिए नए सदस्यों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी.