कांग्रेस अध्यक्ष ने मीटिंग में कहा, "प्रधानमंत्री में आधी रात को गड़बड़ी से भरी खराब तरीके से तैयार जीएसटी को लागू करने के लिए संसद बुलाने का साहस था
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि हड़बड़ी में तैयार जीएसटी का जश्न मनाने के लिए आधी रात को संसद बुलाने वाले प्रधानमंत्री में आज पार्लियामेंट का सामना करने का साहस नहीं है. कांग्रेस की सर्वोच्च निकाय कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में सोनिया गांधी ने अब तक संसद का शीतकालीन सत्र ना बुलाने के संदर्भ में नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर काफी तीखे तेवर दिखाए. बताते चलें कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी की इसी बैठक में सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अगला कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. औपचारिक चुनाव की प्रक्रिया 1 दिसंबर को चुनाव की अधिसूचना से शुरू होगी जिसके तहत 4 दिसंबर को नामांकन, 16 दिसंबर को जरूरत पड़ने पर वोटिंग और 19 दिसंबर को नतीजे आएंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष ने मीटिंग में कहा, “प्रधानमंत्री में आधी रात को गड़बड़ी से भरी खराब तरीके से तैयार जीएसटी को लागू करने के लिए संसद बुलाने का साहस था लेकिन आज उनमें संसद का सामना करने का साहस नहीं हैं.” सोनिया गांधी ने कहा कि अहंकार से भरी मोदी सरकार थोथी दलील देकर संसद के शीत सत्र को कमजोर कर रही है जो भारत की संसदीय लोकतंत्र पर काला धब्बा है. सोनिया ने कहा कि नोटबंदी ने एक साल में मुसीबत से घिरे किसानों, छोटे व्यापारियों, घरेलू महिलाओं और मजदूरों के घाव पर नमक ही रगड़ा है. उन्होंने कहा कि गरीबों और दबे-कुचले लोगों की कीमत पर कुछ मुठ्ठी भर लोगों की किस्मत संवारी जा रही है.
संसदीय परिपाटी रही है कि संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चलता है. नवंबर का तीसरा सप्ताह शुरू हो चुका है लेकिन मोदी सरकार अब तक संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख भी तय नहीं कर पाई है. सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार इस हफ्ते शीत सत्र की तारीख तय कर सकती है. सूत्रों का ये भी कहना है कि संसद का शीत सत्र इस बार एक महीने की बजाय महज 10 दिनों का हो सकता है जो दिसंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो. जब तक सरकार शीत सत्र की तारीख तय नहीं कर दे, ये सब कयास हैं लेकिन शीत सत्र की शुरुआत नहीं होने से विपक्ष को ये हमला बोलने का मौका मिल गया है कि सरकार संसद का सामना करने से बच रही है.
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