मिर्जापुर. Sonbhadra Land Dispute Priyanka Gandhi Vadra Dharna: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र मर्डर केस पर सियासी घमासान मचा हुआ है. दरअसल पीड़ितों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रसी की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को सोनभद्र जाने के लिए निकली थी. बनारस में प्रियंका गांधी ने ट्रामा सेंटर जाकर घायलों का कुशलक्षेम पूछा. प्रशासन ने सोनभद्र में धारा 144 लगी होने का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी को बनारस में रोक लिया और हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस भेज दिया. प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक के बाद एक ट्वीट कर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जोरदार निशाना साधा है.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा उत्तर प्रदेश सरकार ने एडीजी वाराणसी श्री बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मिर्जापुर, डीआईजी मिर्जापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि मैं यहां से पीड़ित परिवारों से मिले बगैर चली जाऊं. सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं. न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागजात दिए है. अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं.
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि मैंने इनसे मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ्तारी हर तरह से गैर कानूनी है. इन अधिकारियों ने मुझे सरकार का संदेश दिया है कि मैं पीड़ितों के परिजनों से नहीं मिल सकती. मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी. मैंने सरकार के दूतों से कहा है कि पीड़ित परिवार से मिले बगैर मैं यहां से वापस नहीं जाऊंगी.
बता दें कि प्रियंका गांधी ने चार घंटे पहले किए गए अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा कथा जानने आयी हूं. जनता का सेवक होने के नाते मेरा यह धर्म है और नैतिक अधिकार भी है उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है. उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटों से गिरफ्तार कर चुनार किले में रखा हुआ है. प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सजा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा ऊपर से ऑर्डर है.
प्रियंका गांधी ने अपने दूसरे ट्वीट में योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने न कोई कानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है. बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गांव जाने को तैयार हूं या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूं. मगर इस सबके बावजूद उत्तर प्रदेश की सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है. जनता सब देख रही है. मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं. मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय. सरकार को जो उचित लगे वह करे.
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