राँची: झारखंड के हजारीबाग में धोखे से प्रतिबंधित माँस और शराब को परोसा गया. जब लोगों को इस बारे में पता चला कि यह माँस प्रतिबंधित है तो उन्होंने इस का विरोध किया। इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपित पहले से ही तैयार थे। नतीजतन आरोपियों ने सभी को हथियार दिखाए, धमकाया और चुप रहने को कहा, अब तुम्हारा धर्म बदल गया है। बता दें, यह मामला बानगी है जिस क़दर धर्म को धोखे या ज़ोर-जबरदस्ती तरीके से तब्दील किया जाता है. लोगों को गुमराह किया जाता है.
बहरहाल आपको बता दें, यह अनोखा मामला नहीं है बल्कि यह मामला धर्मांतरण के इस अंधे खेल की पहचान है, जो दिन-ब-दिन ताकत हासिल करता जा रहा है. खास बात यह है कि लोगों को न सिर्फ धर्म बदलने की धमकी दी जाती है, बल्कि उन्हें बिना किसी खौफ के धमकाया और पीटा जाता है और जबरदस्ती भी की जाती है। सबसे अहम बात यह है कि यह धर्म परिवर्तन कानूनी या धार्मिक तौर पर नहीं हो रहा है। इसके लिए धर्म के ठेकेदारों ने बड़े ही अनोखे और हैरान करने वाले नियम-कायदे बना रखे हैं.
ऐसे ही एक नहीं बल्कि सैकड़ों मामले में धोखे से प्रतिबंधित माँस खिलाकर धर्म परिवर्तन का प्रयास किया गया, वहीं इससे पहले झारखंड के साहिबगंज जिले में इसे खाने से मना करने पर एक युवक की पिटाई कर दी गई. उसी तरह, कई सारे जिहाद के मामलों में यह सामने आया कि शादी के बाद लड़की को वर्जित माँस खाने के लिए मजबूर किया गया हो या फिर गुमराह करके खिलाया हो और न खाने पर मार-पिटाई की गई हो.
राजस्थान के जोधपुर में गरीबों को खाना मुहैया कर धर्म बदलवाने का मामला सामने आया है. इस मामले को लेकर पिछले साल मई में भी प्रदर्शन हुए थे। बिहार में रहने वाले परिवार ने कहा कि उन्हें अपना पेट पालने के लिए धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था। इसी तरह, मध्य प्रदेश के इंदौर में, एक पति-पत्नी ने लगभग 400 लोगों को बीआरजी कॉलेज कैंपस में रात के खाने पर बुलाया था। पुलिस पहुंची तो भगदड़ मच गई। जांच की गई तो मामला धर्मांतरण का निकला।
कानपुर के एक इलाके में बीते दिनों धर्म परिवर्तन के कई कारण सामने आए थे. खबरों के मुताबिक, पहले वहां मौजूद लोगों को पर्चे बांटे गए, फिर पढ़ने के लिए किताब दी गई। इसके बाद उन्हें शैतान का भय दिखाया गया। उनकी तमाम परेशानियों के लिए शैतान को जिम्मेदार बताया गया है। उनसे कहा गया कि जब तुम अपना धर्म बदलोगे तब यह शैतान दूर हो जाएगा और इसका फल तुम्हें तभी मिलेगा।
कानपुर के घाटमपुर में गरीब परिवार भ्रष्टाचार और शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक गरीब परिवारों के युवकों को यह कहकर शादी करने का लालच दिया जाता है कि शादी के बाद उनका धर्म बदल जाएगा और उन्हें पूजा छोड़नी पड़ेगी. इसके लिए उन्हें 10 हजार रुपए तक का लालच या रिश्वत भी मिलती है। इस मामले में पुलिस ने करीब दस लोगों को गिरफ्तार भी किया था.
धर्म को तब्दील करने के लिए अंधविश्वास की हद पार कर दी जाती है। बता दें, बनारस में राजेश नाम के एक हिंदू ने कई साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. जब पूछताछ की गई, तो उसने दावा किया कि उसकी बहन 16 साल से ब्लड कैंसर से पीड़ित थी और बिस्तर पर पड़ी थी। एक पवित्र पुस्तक को पढ़ने से वह एकदम से ठीक हो गई. इसी तरह साल 2014 में शिवसेना के एक नेता ने ईसाई धर्म अपना लिया था। उसने कहा कि उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, उसे ऑपरेटिंग टेबल पर मृत करार कर दिया गया। बहन और दोस्तों की प्रेयर के बाद वह जीवित हो गया. अब वह एक पास्टर हैं.
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