नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित अन्य मांगों को लेकर बातचीत जारी है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के बाद बताया कि चर्चा सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण रही। हालांकि कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, लेकिन आगे बातचीत जारी रहेगी। अब अगली बैठक 4 मई को होगी।

बैठक में कौन-कौन रहा शामिल?

किसानों की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में 28 किसान नेता बैठक में पहुंचे। वहीं, सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल ने भाग लिया। पंजाब सरकार की तरफ से कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा भी चर्चा में शामिल रहे।

किसानों का संघर्ष जारी

किसान नेता काका कोटला ने स्पष्ट किया कि जब तक MSP कानून नहीं बनता, उनका संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “हमें मारे बिना सरकार हमसे पीछा नहीं छुड़वा सकती।” किसानों ने 21 मार्च को विधायकों के घरों के बाहर जाकर अपनी मांगें रखने की योजना बनाई है। वहीं, 23 मार्च को शहीदी दिवस के मौके पर बड़े स्तर पर किसान एकजुट होंगे।

पंजाब बॉर्डर पर बढ़ाई गई पुलिस सुरक्षा

बैठक से पहले पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। किसान नेता मनजीत राय ने इस पर आपत्ति जताई और पंजाब के मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां से इसका कारण पूछा। जवाब में सरकार ने कहा कि यह कदम किसानों के विरोध को दबाने के लिए नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ अभियान के तहत उठाया गया है। हालांकि, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस बल बढ़ाने के असली कारण स्पष्ट नहीं हैं। उन्होंने किसानों से धरना स्थल पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की।

बैठक से पहले किसानों को रोका गया

बैठक से पहले मोहाली से चंडीगढ़ आ रहे किसानों को पुलिस ने बॉर्डर पर रोक दिया। पुलिस ने करीब 35-40 वाहनों को आगे बढ़ने से रोक दिया था, यह कहते हुए कि उन्हें अधिकारियों से अनुमति नहीं मिली है। हालांकि, आधे घंटे बाद किसानों को जाने की अनुमति दी गई। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बैठक से पहले उम्मीद जताई कि इस बार कोई ठोस समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि देश के 60% किसान MSP कानून की मांग कर रहे हैं, इसलिए सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

इंटनेट सेवाएं बंद

शंभू बॉर्डर पर माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, जबकि बॉर्डर के दूसरी ओर किसान डटे हुए हैं। शंभू थाना क्षेत्र में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। मौजूदा हालात को देखते हुए किसी बड़ी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। और इंटनेट सेवाएं भी भी बंद कर दी गई हैं

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