मोबाइल फोन में UIDAI नंबर को राष्ट्रवादी सोशल मीडिया एक्टिविस्टों ने अफवाह और राजनीतिक साजिश कहा

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, यूआईडीएआई का नंबर एंड्रॉइड स्मार्ट फोन में सेव होने का मुद्दा गरमाता जा रहा है. सोशल मीडिया इस मामले में दो धड़ों में बंटा दिखा. एक तरफ जहां कुछ यूजर्स इसे लेकर चिंता जा रहे हैं तो वहीं कुछ राष्ट्रवादी सोशल मीडिया एक्टिविस्टों ने अफवाह और राजनीतिक साजिश

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मोबाइल फोन में UIDAI नंबर को राष्ट्रवादी सोशल मीडिया एक्टिविस्टों ने अफवाह और राजनीतिक साजिश कहा

Aanchal Pandey

  • August 3, 2018 9:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई, के नाम से देशवासियों के एंड्रॉइड स्मार्ट फोन में एक नबंर सेव मिला जिसे लेकर सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई. जहां एक तरह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर लोग अपनी पहचान सार्वजनिक हो जाने पर खतरा जता रहे हैं वहीं कुछ राष्ट्रवादी सोशल मीडिया एक्टिविस्टों ने इस घटना को अफवाह व राजनीति से प्रेरित बताया. 

मोबाइल फोन में UIDAI का नंबर सेव हो जाने को कई सोशल मीडिया यूजर ने राजनीतिक साजिश बताया. @SharmaKhemchand यूजर ने ट्विटर पर लिखा कि “यूआईडीएआई नंबर सेव होने की घटना मात्र अफवाह है आप इससे चितित न हो. मैंने खुद कई जानकारों से पूछा कि क्या उनके फोन में भी इस प्रकार का कोई नबंर सेव है तो उन्होंने इससे मना किया. साथ ही आधार प्राधिकरण भी साफ कर चुका है कि यह भ्रम फैलाने की साजिश है.”

 

वहीं विश्व हिंदू परिषद् से जुड़े अभिषेक शर्मा (@Abhishek_Mshra) ने ट्विटर पर लिखा कि “कुछ एमरजेंसी नंबर सिम में पहले से सेव होते है और अगर आधार हेल्पलाइन नंबर सेव हो रहा है तो सिर्फ़ एंड्रॉइड में ही क्यों होगा? वो तो हर उस मोबाइल में होगा जिसमें सिम लगेगा चाहें एंड्रॉइड हो, iOS हो या बेसिक फ़ोन हो. आपकी जानकारी के लिए बता दूं की Pre Save नंबर डिलीट भी हो सकता है.” अभिषेक शर्मा ने एक अन्य ट्विट कर कहा कि उन्होंने 5-6 नंबर चेक किए लेकिन वहां इस प्रकार से कोई नंबर सेव नहीं था.

ट्विटर पर सीमा चौधरी ट्विटर हैंडल @Seems3r से लिखा गया कि यह उतना ही बेहुदा है जब अफवाहें थीं कि दिल्ली में मंकी मैन है, ये उतना है बेहुदा है- जब कहा गया कि चोटी कांटी जा रही है, ठीक इसी प्रकार एक बार फिर आधार को लेकर यह सब गढ़ा जा रहा है” इसी ट्विटर हैंडल से कई ट्विट किए गए जिसमें लिखा गया है हमारे फोन में कुछ नंबर ऑटोमैटिकली सेव होते हैं जैसे एंबुलेंस नंबर आदि.

तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे यूजर्स भी हैं जो सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उनके फोन में यह नंबर सेव कैसे हुआ. सवाल उठाए जा रहे हैं कि इसके पीछे टेलीकॉम कंपनियां जिम्मेदार हैं या खुद यूआईएडीआई. यूआईएडीआई ने साफ किया है कि 1800-300-1947 इस प्रकार का टोल नंबर दो साल पहले ही बंद हो चुका था और इन दो सालों से नया नंबर चालू है. इस नंबर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का कोई लेना देना नहीं है.

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