नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि वे दिन अब चले गए हैं जब कुछ देश एजेंडा तय किया करते थे और वे सोचते थे कि दूसरे देश भी उनका साथ देंगे. दुनिया उथल-पुथल का दौर देख रही है विदेश मंत्री जयशंकर […]
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि वे दिन अब चले गए हैं जब कुछ देश एजेंडा तय किया करते थे और वे सोचते थे कि दूसरे देश भी उनका साथ देंगे.
विदेश मंत्री जयशंकर ने यूएनजीए में कहा कि दुनिया इस वक्त उथल-पुथल के एक असाधारण दौर को देख रही है. इस मोड़ पर भारत ने असाधारण जिम्मेदारी की भावना के साथ जी20 की अध्यक्षता संभाली है. ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के दृष्टिकोण पर हमने ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की.
जयशंकर ने आगे कहा कि भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ एक स्थायी जी20 के सदस्य बना. ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को आवाज दी है, जो लंबे वक्त से इसका हकदार रहा है. संयुक्त राष्ट्र जो एक बहुत पुराना संगठन है उसे भी सुधार के महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए और सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा कि अब भारत ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है. जब हमारा चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर लैंड किया था उस वक्त दुनिया ने आने वाले समय की झलक देखी थी. आज दुनिया के लिए हमारा संदेश डिजिटल रूप से सक्षम शासन और व्यापक दायरे में वितरण है. जिसमें सुविधाओं और सेवाओं और तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचे और हमारी ऊर्जावान स्टार्ट-अप संरचना शामिल है.
यूएनजीए में विदेश मंत्री ने आगे कहा कि राजनीतिक सुविधा आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा पर प्रतिक्रिया निर्धारित नहीं कर सकती है. इसी तरह से क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप को भी अभ्यास नहीं किया जा सकता है. जयशंकर ने कहा कि जब वास्तविकता बयानबाजी से दूर हो जाती है, तो हमें इसे सामने लाने का साहस भी होना चाहिए.