दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने आज 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. यूपीए-2 के कार्यकाल के दौरान हुए सबसे बड़े 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत ने आज सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी मुख्य आरोपी थे. कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
नई दिल्ली. यूपीए-2 के कार्यकाल के दौरान हुए सबसे बड़े 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत ने आज सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी मुख्य आरोपी थे. कोर्ट से बरी होने के बाद ए राजा ने इंडिया न्यूज से कहा वो फैसले से बेहद खुश है. उन्होंने कहा कि वो मीडिया के सामने शाम को आएंगे और अपनी बात को मजबूती से रखेंगे और उन्हें बहुत कुछ कहना है. इस दौरान कनिमोझी और ए राजा के समर्थक कोर्ट में मौजूद रहे. जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, उनके समर्थकों ने कोर्ट में तालियां बजानी शुरू कर दी. 2 जी स्पेक्ट्रम में बरी किए गए सभी आरोपियों से पांच लाख रुपए का बेल बॉन्ड भराया गया है अगर उच्च अदालत में मामला गया तो उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके.
सोशल मीडिया पर आर रही ये प्रतिक्रियाएं
सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि हमारी सरकार पर लगे बड़े घोटाले का आरोप झूठा था, आज यह साबित हो गई है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि कोर्ट का फैसला बताता है कि निर्दोष लोगों को फंसाया गया था. न्यायालय ने वही किया है जिसकी उम्मीद इस देश में की जाती है.
समाज सेवी अन्ना हजारे ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर सरकार के पास पुख्ता सबूत हैं तो उन्हें इस मामले को हाई कोर्ट में ले जाना चाहिए.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने 2G स्पेक्ट्रम मामले पर कहा कि आज मेरी बात सिद्ध हो गई, कोई भ्रष्टाचार नहीं, कोई नुकसान नहीं. अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है, विपक्ष और विनोद राय के झूठ का. विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए.
Allegation of a major scam involving the highest levels of Government was never true, was not correct and that has been established today: P Chidambaram,Congress #2GScamVerdict pic.twitter.com/bfVgL14ES9
— ANI (@ANI) December 21, 2017
Clearly the Court found that innocent people have been wronged. Justice has worked as it is supposed to work in our country: Shashi Tharoor, Congress #2GScamVerdict pic.twitter.com/MK8IEYHVuV
— ANI (@ANI) December 21, 2017
If the Government has concrete evidence, then they should take the matter to a higher court: Anna Hazare #2GScamVerdict pic.twitter.com/wkTmT9JJm3
— ANI (@ANI) December 21, 2017
#2GScamVerdict All acquitted in the case will have to furnish a bail bond of Rs. 5 lakhs each. This is done to ensure their presence in a higher appellate court if the verdict is challenged
— ANI (@ANI) December 21, 2017
Aaj meri baat siddh ho gayi, koi corruption nahi, koi loss nahi. Agar scam hai to jhooth ka scam hai, vipaksh aur Vinod Rai ke jhooth ka. Vinod Rai ko desh ke saamne maafi maangni chahiye: Kapil Sibal,Congress #2Gverdict pic.twitter.com/nHTCTyiziC
— ANI (@ANI) December 21, 2017
#Delhi: Former Telecom Minister A Raja after being acquitted in the #2GScam pic.twitter.com/9kHVtApsT1
— ANI (@ANI) December 21, 2017
#WATCH: Former Telecom Minister A Raja after being acquitted in the #2GScam pic.twitter.com/hmu8oWOZeD
— ANI (@ANI) December 21, 2017
बता दें कि कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान 2008 में दूरसंचार विभाग द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटन में कथित तौर पर अनिमितता हुई थी. इस बारे में विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने कहा कि मैंने मामले से संबंधित फाइलें देख ली हैं और अब इस पर 21 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाया जाएगा.
सीबीआई द्वारा पहला आरोप-पत्र दाखिल किए जाने के बाद 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की सुनवाई छह साल पहले शुरू हुई थी. इससे संबंधित सभी मामलों की सुनवाई विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी कर रहे हैं. कोर्ट ने तीन मामलों की सुनवाई की है जिसमें पहले मामले में ए राजा के अलावा कनिमोई,अंबानी समूह के एडीएजी, यूनिटेक समेत कई अन्य आरोपी हैं. सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन मामलों की सुनवाई की है, जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का है. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 122 लाइसेंस के आवंटन से 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इसे दो फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. मामले में आरोपियों को छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.
सीबीआई ने पहला केस राजा, कनिमोझी, राजा के प्राइवेट सेक्रेटरी आरके चंदोलिया, पूर्व टेलीकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा, स्वान के टेलीकॉम प्रमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के गौतम दोषी, सुरेंद्र पीपरा और हरि नायर पर दायर किया था. टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. जिन आरोपों में आरोप तय किए गए हैं उनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. 2011 में इस मामले में सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की थी.