नई दिल्ली: आजकल 2-3 साल का बच्चा भी यूट्यूब पर वीडियो देख रहे है. 5-6 साल की उम्र तक बच्चे पहुंचते-पहुंचते फोन चलाने में पूरी तरह से एक्सपर्ट हो जाते हैं.ज्यादातर बच्चे 10 से 15 साल की उम्र में सोशल मीडिया पर आ जाते है. कई रिसर्च में इसे खतरनाक बताया गया है. इसकी लत बच्चों के मेंटल हेल्थ के लिए बहुत हानिकारक है.
सैपियन लैब्स की एक ग्लोबल रिर्सच से पता चला है कि कम उम्र में स्मार्टफोन रखने वाले बच्चों की मेंटल हेल्थ आगे चलकर खराब हो जाती है. रिर्सच में पाया गया है कि 6 साल की उम्र में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाली लड़कियों को 76% मामलों में बाद में किसी न किसी तरह की मानसिक समस्या का सामना करना पड़ा.
2019 में अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की स्टडी में सामने आया था कि जो बच्चे सोशल मीडिया पर 3 घंटे से अधिक समय बिताते हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में दुनिया के 378 करोड़ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. इनमें से 84% यूजर्स 18-29 साल के थे. कई मनोचिकित्सक सोशल मीडिया को शराब और सिगरेट की लत की तरह मानते हैं, जिसे छोड़ना बिल्कुल भी आसान नहीं है. कई बच्चे जो सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल करते हैं, उन बच्चों को एंग्जाइटी हो रही है.
बच्चों की उड़ रही नींद
कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सोशल मीडिया बच्चों की नींद को बर्बाद कर रहा है. इससे बच्चों के दिमाग पर असर पड़ता है. सोशल मीडिया उनके कॉन्फिडेंस को भी हिला रही है. वहीं बच्चों की खान-पान की आदतें भी प्रभावित हो रही हैं. जिससे बच्चों की मेंटल पूरी तरह बिगड़ रही है.
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