अजमेर शरीफ दरगाह को अकबर ने जो देग भेट की थी.इसमें एक बार में 45 क्विंटल (4500 किलोग्राम) भोजन पकाया जा सकता है. इस देग में आमतौर पर चावल, घी, चीनी, केसर, सूखे मेवे और चावल का इस्तेमाल करके ज़र्दा यानि मीठा चावल बनाया जाता है.
नई दिल्ली: मुगल बादशाह अकबर ने ख्वाजा साहब से एक पुत्र की मांग की थी. बादशाह की इच्छा सलीम के रूप में पूरी हुई. जिसके बाद अकबर आगरा से अजमेर दरगाह तक पैदल चलकर ख्वाजा साहब को धन्यवाद देने गए. इस पैदल यात्रा में उन्हे 15 दिनों का समय लगा. बादशाह अकबर को उदारता और सभी धर्मों का समान करने वाले के रूप में जाना जाता था . एक बार बादशाह अकबर ने अजमेर शरीफ दरगाह को एक देग यानि कड़ाही भेंट की थी. इस कहाड़ी में एक बार में इतना सारा खाना पकाया जाता है कि आप एक बार में आराम से खा सकते है.
बादशाह की तरफ से भेट की गई यह देग इसलिए भी खास है. क्योंकि जब नीचे आग जलाकर खाना पकाया जाता है. तब देग यानि कड़ाही का बाकी हिस्सा तो गर्म होता है, मगर इसके ऊपर का हिस्सा बिल्कुल गर्म नहीं होता था. चलिए आज जानते है इस देग में एक बार में पकने वाले खाने की कीमत
अजमेर शरीफ दरगाह को अकबर ने जो देग भेट की थी.इसमें एक बार में 45 क्विंटल (4500 किलोग्राम) भोजन पकाया जा सकता है. इस देग में आमतौर पर चावल, घी, चीनी, केसर, सूखे मेवे और चावल का इस्तेमाल करके ज़र्दा यानि मीठा चावल बनाया जाता है.
देग में कितने रुपए का पकता है जर्दा?
अजमेर शरीफ को जो देग अकबर ने भेंट की थी. उसमें एक बार में 4500 किलोग्राम खाना पकता है. बता दें वर्तमान में इसकी कीमत लगभग 1.5 लाख रुपए होती है. इस देग में कोई भी व्यक्ति जर्दा पकवा सकता है. इसके लिए पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग करवाई जाती है. अजमेर शरीफ दरगाह में 8 द्वार हैं, जिनमें से 3 द्वार वर्तमान में प्रयोग में हैं.
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