नई दिल्ली। सहारा इंडिया में लाखों लोगों का पैसा फंसा हुआ है. निवेशकों का पैसा वापस दिलाने के लिए सरकार की ओर से काफी समय से प्रयास चल रहे हैं. पिछले दिनों वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी सरकार की ओर से सदन में बयान दिया था उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में रिकॉर्ड का […]
नई दिल्ली। सहारा इंडिया में लाखों लोगों का पैसा फंसा हुआ है. निवेशकों का पैसा वापस दिलाने के लिए सरकार की ओर से काफी समय से प्रयास चल रहे हैं. पिछले दिनों वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी सरकार की ओर से सदन में बयान दिया था उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में रिकॉर्ड का पता नहीं चल पाता है.
इस दौरान वित्त राज्य मंत्री ने कहा था कि सेबी को 81.70 करोड़ रुपये में 53,642 मूल बांड प्रमाणपत्र/पासबुक से संबंधित 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं. सरकार ने यह भी बताया था कि शेष आवेदनों के रिकॉर्ड SIRECL और SHICL द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में ट्रेस करने योग्य नहीं हैं.
अब सहारा ने फिर से सेबी पर निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये रखने का आरोप लगाया है. इससे पहले भी सहारा की तरफ से ये बात कही जा चुकी है.सहारा ने पत्र में लिखा है कि वह (सहारा) भी सेबी से पीड़ित हैं.हमें दौड़ने के लिए कहा जाता है लेकिन हमें जंजीरों में बांधकर रखा जाता है.
पैसे नहीं लौटा पाने पर सेबी की ओर से पहले ही बता दिया गया था कि दस्तावेजों और रिकॉर्ड में निवेशकों का डेटा ट्रेस नहीं हो रहा है. 4 अगस्त 2021 को सेबी की सालाना रिपोर्ट में निवेशकों को 129 करोड़ रुपये लौटाने की बात कही गई थी. उस समय नियामक ने यह भी बताया था कि सेबी के खाते में 31 मार्च 2021 तक जमा की गई राशि ब्याज समेत करीब 23,191 करोड़ रुपये है. इससे पहले, सेबी ने कहा था कि जुलाई 2018 के बाद सेबी के किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा.
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